महाराष्ट्र चुनाव रोमांच: मावल और चिपलूण में 'कांटे की टक्कर', 1 वोट ने पलटी बाजी

इस जीत ने साबित कर दिया कि चुनाव में एक-एक मतदाता की कीमत क्या होती है. सोशल मीडिया पर इन '1 वोट वाली जीत' की जमकर चर्चा हो रही है और यह उन लोगों के लिए भी एक बड़ा सबक है, जो सोचते हैं कि उनके एक वोट से क्या फर्क पड़ेगा.

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  • पुणे की वडगाव मावल नगर पंचायत चुनाव में एनसीपी के राहुल ढोरे ने मात्र एक वोट के अंतर से जीत हासिल की
  • रत्नागिरी के चिपलूण नगर परिषद चुनाव में भाजपा के संदीप भिसे एक वोट के अंतर से विजयी हुए.
  • सोशल मीडिया पर इन परिणामों की चर्चा हो रही है जो मतदाता के एक वोट की अहमियत को उजागर करती है
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मुंबई:

महाराष्ट्र नगर परिषद और पंचायत चुनावों के नतीजों में कहीं-कहीं जीत-हार का अंतर इतना कम रहा कि आखिरी राउंड तक सांसें थमी रहीं. सबसे ज्यादा चर्चा पुणे के वडगाव मावल और रत्नागिरी के चिपलूण की हो रही है, जहां महज 1 वोट ने उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला कर दिया.

मावल: एक वोट से पलटी किस्मत, अजित पवार गुट की जीत!

पुणे जिले की वडगाव मावल नगर पंचायत में मुकाबला फिल्म के क्लाइमेक्स जैसा रहा. यहां राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार गुट) के उम्मीदवार राहुल ढोरे ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की. दिलचस्प बात यह है कि ढोरे ने अपने प्रतिद्वंद्वी को मात्र 1 वोट के अंतर से हराया. यह जीत न केवल राहुल ढोरे के लिए बल्कि अजित पवार गुट के लिए भी एक बड़ा बूस्ट माना जा रहा है, क्योंकि मावल क्षेत्र में हर एक सीट के लिए कड़ी प्रतिष्ठा की लड़ाई थी.

चिपलूण: भाजपा के संदीप भिसे का 'चमत्कारी' विजय

रत्नागिरी के चिपलूण नगर परिषद चुनाव में भी ऐसा ही रोमांच देखने को मिला. यहां से भाजपा के उम्मीदवार संदीप भिसे ने जीत का परचम लहराया. लेकिन जीत आसान नहीं थी, क्योंकि उनके सामने दिग्गजों की फौज खड़ी थी. शिवसेना (UBT) से राहुल लोटेकर, NCP (अजित पवार गुट) से सुनील रेडीज, NCP (शरद पवार गुट) से राहुल कांबली और कांग्रेस से किशोर जागुष्टे.

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इतने बड़े मुकाबले में संदीप भिसे ने सिर्फ 1 वोट के अंतर से जीत हासिल कर सभी को चौंका दिया. इस जीत ने साबित कर दिया कि चुनाव में एक-एक मतदाता की कीमत क्या होती है. ये दोनों ही जीत दिखाती है कि स्थानीय स्तर पर महायुति और महाविकास अघाड़ी के बीच मुकाबला कितना कड़ा था.

सोशल मीडिया पर इन '1 वोट वाली जीत' की जमकर चर्चा हो रही है और यह उन लोगों के लिए भी एक बड़ा सबक है, जो सोचते हैं कि उनके एक वोट से क्या फर्क पड़ेगा.

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