विपक्षी गठबंधन INDIA में पीएम उम्मीदवार के कितने चेहरे? सीट शेयरिंग से पहले ही पार्टियों में छिड़ी बहस

Loksabha Elections 2024: विपक्षी गठबंधन INDIA के नेता 31 अगस्त को मुंबई में जुटेंगे. इस दिन महाराष्ट्र के पूर्व CM उद्धव ठाकरे गठबंधन के नेताओं के लिए डिनर होस्ट करेंगे. इसके अगले दिन सुबह करीब 10 बजे से बैठक शुरू होगी. इसमें 26 दलों के नेता शामिल होंगे.

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विपक्षी गठबंधन INDIA की दूसरी बैठक 17-18 जुलाई को बेंगलुरु में हुई थी.

नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव 2024 (Loksabha Elections 2024) में बीजेपी को हराने के मकसद से बने विपक्षी गठबंधन 'इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूसिव अलायंस' (I.N.D.I.A) की तीसरी बैठक 31 अगस्त और 1 सितंबर को मुंबई के ग्रांड हयात होटल में होने जा रही है. बैठक में विपक्षी गठबंधन के कन्वीनर का नाम फाइनल हो सकता है. इसके साथ ही सीट शेयरिंग, 11 सदस्यीय कोऑर्डिनेशन कमेटी और सेंट्रल सेक्रेटेरिएट यानी एक कॉमन ऑफिस दिल्ली में बनाने को लेकर भी फैसला हो सकता है. इस बीच विपक्षी गठबंधन में प्रधानमंत्री (PM Candidate) चेहरे को लेकर बयानबाजी तेज हो गई है. विपक्षी फ्रंट में हर कोई प्रधानमंत्री बनने के सपने देख रहा है. मुंबई में होने वाली बैठक से अलग-अलग दल अपने-अपने नेताओं के नामों पर जोर दे रहे हैं. पहले राहुल गांधी, फिर शरद पवार, उसके बाद नीतीश कुमार... और अब इस रेस में अरविंद केजरीवाल के नाम सामने आ रहा है.

महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले कह रहे हैं कि राहुल गांधी ही इस गठबंधन का चेहरा हैं. आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि अरविंद केजरीवाल को पीएम पद का चेहरा बनना चाहिए. हालांकि, बाद में आम आदमी पार्टी ने इसे उनकी निजी राय बताते हुए पार्टी को इस बयान से अलग कर लिया. इस बीच शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने प्रियंका कक्कड़ के बयान को सही बताते हुए कि अगर उनसे पूछा जाए, तो वे भी कहेंगी कि उद्धव ठाकरे को पीएम उम्मीदवार होना चाहिए. इसी तरह समाजवादी पार्टी की जूही सिंह ने अखिलेश यादव का नाम लिया.

ममता बनर्जी बोलीं- INDIA ही होगा पीएम का चेहरा
इस बीच विपक्षी गठबंधन की बैठक के लिए मुंबई पहुंचीं पश्चिम बंगाल की सीएम और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने पीएम उम्मीदवार को लेकर अलग राय रखी. उन्होंने कहा, "विपक्षी गठबंधन में पीएम का चेहरा तो INDIA ही होगा. हमारी लड़ाई देश को बचाने की है."

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देश की बात आएगी तो केजरीवाल का नाम भी आएगा-AAP
पीएम उम्मीदवारों को लेकर चल रहे बहस के बीच आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता और विधायक विनय मिश्रा से NDTV ने बात की. विपक्षी गठबंधन की जब बैठक होने वाली होती है, तब आप की तरह से कोई न कोई ऐसा बयान आ जाता है, जिसे लेकर पार्टी फोकस में आ जाती है. ऐसा क्यों होता है? इसके जवाब में विनय मिश्रा ने कहा, "स्वभाविक सी बात है कि अरविंद केजरीवाल की तारीख में एक बहुत बड़े नेता के रूप में उभरे हैं. पीएम मोदी के सामने वो बड़े चैलेंजर भी हैं. जाहिर सी बात है कि जो नेता पीएम मोदी को चैलेंज करेगी, उसकी चर्चा होगी. जहां तक आम आदमी पार्टी की बात है... हमारी राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने जो भी कहा, हमारी मंत्री ने उसका खंडन किया है. ऐसा इसलिए किया गया, क्योंकि अरविंद केजरीवाल के लिए पीएम का पद अहम नहीं है. इस पद से ज्यादा महत्वपूर्ण देश है. जब देश की बात आएगी, तो अरविंद केजरीवाल का नाम निश्चित तौर पर आएगा."

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विनय मिश्रा आगे कहते हैं, "अरविंद केजरीवाल ने हमेशा देश के हित की बात कही है. जनता से जुड़े मुद्दे उठाए हैं. जो भी काम किए हैं, उसकी चर्चा देश में हो रही है." उन्होंने कहा, "मेरी इच्छा ये है कि इस देश में जो तानाशाह सरकार चल रही है, उसे भगाया जाए. जुमलों और झूठ की सरकार चल रही है, उसे हटाया जाए."

विपक्ष के पास एंबिशन, करप्शन, डिविजन और ऑब्सेशन है-बीजेपी
इस बीच बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने विपक्षी गठबंधन में पीएम उम्मीदवार को लेकर सामने आ रहे नामों पर चुटकी लेते हुए एक मिर्जा ग़ालिब के मशहूर शेर का जिक्र किया. उन्होंने कहा, "हज़ारों ख़्वाहिशें ऐसी कि हर ख़्वाहिश पे दम निकले...बहुत निकले मिरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकले..."  पूनावाला ने कहा कि विपक्षी गठबंधन का यही हाल है. समस्या ये है कि इनके पास देश के लिए न तो मिशन है और न रीजन है. पीएम मोदी देश को दुनिया को तीसरी अर्थव्यवस्था बनाने की कोशिश कर रहे हैं. महिलाओं और जरूरतमंदों के लिए योजनाएं ला रहे हैं. लेकिन विपक्षी गठबंधन के पास मिशन नहीं मगर एंबिशन (महत्वाकांक्षा) है. ये बस पीएम पद को लेकर सोच रहे हैं. विपक्ष के पास एंबिशन है, करप्शन है. डिविजन है और ऑब्सेशन है."

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मीटिंग में इन मुद्दों पर होनी है चर्चा
मुंबई में विपक्षी गठबंधन INDIA की तीसरी बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होनी है. इस बैठक का एजेंडा कुछ इस तरह है:-

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- गठबंधन के लोगो (Logo)पर चर्चा और उसे अंतिम रूप देना.
-INDIA गठबंधन के संगठन पर विचार.
- को-ऑर्डिनेशन कमेटी पर चर्चा.
- सचिवालय की स्थापना और चुनाव प्रबंधन.
- रिसर्च विंग की स्थापना.
- 5-10 आधिकारिक प्रवक्ताओं की नियुक्ति जो गठबंधन की बात मीडिया में रख सकें.
- मीडिया और सोशल मीडिया टीम का गठन.
- नेशनल एजेंडा तय करने के लिए समिति का गठन.
- प्रचार के साझा मुद्दे तय करना.
- साझा प्रचार का कार्यक्रम तैयार करना.

नए दल गठबंधन में हो सकते हैं शामिल
इस बीच INDIA के विस्तार की बात भी चल रही है. नीतीश कुमार कह चुके हैं कि 26 के अलावा कुछ और भी नए दल INDIA गठबंधन में शामिल हो सकते हैं. अकाली दल के सूत्रों ने दावा किया है कि INDIA गठबंधन ने उनसे संपर्क किया है. हालांकि, अकाली दल ने अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है.

अकेले चुनाव लड़ेगी मायावती की पार्टी बीएसपी
इस बीच बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने कहा है कि उनकी पार्टी न तो एनडीए से और न ही विपक्षी गठबंधन INDIA  से चुनावी गठबंधन करेगी. उन्होंने मीडिया से भी अपील की है कि वह इस बारे में फेक न्यूज न फैलाए. मायावती ने बुधवार को सोशल मीडिया पर इस फैसले की जानकारी दी. उन्होंने लिखा- "NDA और I.N.D.I.A गठबंधन अधिकतर गरीब-विरोधी, जातिवादी, सांप्रदायिक, धन्नासेठ-समर्थक और पूंजीवादी नीतियों वाली पार्टियां हैं. जिनकी नीतियों के खिलाफ BSP संघर्ष कर रही है. इसीलिए इनसे गठबंधन करके चुनाव लड़ने का सवाल ही पैदा नहीं होता."

मायावती ने लिखा- "BSP विरोधियों के जुगाड़, जोड़तोड़ से ज्यादा समाज के टूटे हुए करोड़ों उपेक्षितों को आपसी भाईचारा के आधार पर जोड़कर उनके गठबंधन से साल 2007 की तरह अकेले आगामी लोकसभा, विधानसभा का आम चुनाव लडे़गी." 

ये दल हैं INDIA का हिस्सा
फिलहाल INDIA गठबंधन में 26 दल शामिल हैं. इसमें कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रविड़ मुनेत्र कझगम, आम आदमी पार्टी, जनता दल यूनाइटेड, राष्ट्रीय जनता दल, झारखंड मुक्ति मोर्चा, राष्ट्रवादी कांग्रे पार्टी (शरद पवार गुट), शिवसेना (उद्वव ठाकरे गुट), समाजवादी पार्टी, नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी, कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी,  कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया, राष्ट्रीय लोक दल,  मरुमलार्ची द्रविड़ मुनेत्र कझगम, केएमडीके, वीसीके, आरएसपी, सीपीआई-एमएल (लिबरेशन), फॉरवर्ड ब्लॉक, आईयूएमएल, केरल कांग्रेस (जोसेफ), केरल कांग्रेस (मणि), अपना दल (कामेरावादी) और एमएमके शामिल हैं.

विपक्षी गठबंधन की पहली मीटिंग बिहार के CM नीतीश कुमार की जेडीयू द्वारा 23 जून को पटना में आयोजित की गई थी. दूसरी बैठक बेंगलुरु में 17-18 जुलाई को आयोजित की गई थी और इसकी मेजबानी कांग्रेस ने की थी.


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