कर्नाटक में कांग्रेस ने अपने विधायकों द्वारा कथित तौर पर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को लिखी गई चिट्ठी को खारिज कर दिया है. कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने इस चिट्ठी को फर्जी बताया है. कथित फर्जी चिट्ठी की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. इसमें राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस के 10 विधायकों ने साइन किए हैं और कई मुद्दों को उठाया गया है. इस चिट्ठी को लेकर बीजेपी कांग्रेस पर हमलावर है.
इस चिट्ठी में दावा किया गया है कि जिला प्रभारी मंत्री विधायकों के अनुरोधों पर ध्यान नहीं दे रहे हैं. उनके निर्वाचन क्षेत्रों के लिए अलॉट फंड जारी नहीं किया जा रहा है. चिट्ठी में यह भी दावा किया गया है कि अज्ञात तीसरे पक्षों ने विधायकों से संपर्क किया और फंड जारी करने के एवज में कमीशन की मांग की.
एक पर्सनल नोट थी ये चिट्ठी
10 विधायकों में से एक ने मीडिया से कहा कि चिट्ठी एक पर्सनल नोट थी. गुरुवार को कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की बैठक में इसे चर्चा के लिए रखा जाना था. हालांकि, आधिकारिक तौर पर पेश होने से पहले ही यह मीडिया में लीक हो गया. चिट्ठी में लिखी बातों पर उन्होंने कहा कि कमीशन की मांग करने का आरोप सही नहीं है. चिट्ठी में लिखी बातों को तोड़ा-मरोड़ा गया है.
लेटरहेड पर विधायक बीआर पाटिल का नाम
लेटरहेड पर विधायक बीआर पाटिल का नाम है. उन्होंने चिट्ठी की प्रामाणिकता पर सवाल उठाया और बीजेपी पर इसे तोड़-मरोड़ कर पेश करने का आरोप लगाया. पाटिल ने कहा, "यह मेरा लेटरहेड है और मैं सीरियल नंबर रखता हूं, ताकि पेजों का दुरुपयोग न हो. हालांकि, जो चिट्ठी शेयर की जा रही है, उसपर नंबर नहीं है. यह फर्जी है. हो सकता है कि बीजेपी ने फर्जी पत्र बनाया हो. इसकी जांच होनी चाहिए."
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