केरल: कॉलेज में क्लास के दौरान पुरुष और महिलाओं के बीच पर्दा लगाने पर बढ़ा विवाद

इस्लामिक समूह मुजाहिद विजडम इस्लामिक ऑर्गनाइजेशन द्वारा LGBTQIA: बिहाइंड द रेनबो फ्लैग्स, अंडरस्टैंडिंग LGBTQIA फ्रॉम ए इस्लामिक पर्सपेक्टिव" विषय पर कक्षाएं आयोजित की गई थीं. जिनको लेकर विवाद खड़ा हो गया है.

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जेंडर पॉलिटिक्स पर आयोजित क्लास में महिलाओं और पुरुषों के बीच पर्दा लगाने पर विवाद बढ़ गया है. (सांकेतिक फोटो)
त्रिशूर:

केरल (Kerala) में एक इस्लामिक संगठन द्वारा मेडिकल स्टूडेंट्स के लिए जेंडर पॉलिटिक्स (Gender Politics) पर आयोजित क्लास को लेकर विवाद पैदा हो गया है. क्योंकि यहां पर एक ओर महिलाओं और दूसरी ओर पुरुषों को बैठाया गया और बीच में परदा डाल दिया गया. केरल शास्त्र साहित्य परिषद (Kerala Sastra Sahitya Parishad), स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई), सत्तारूढ़ सीपीआई (एम) की छात्र शाखा, और अन्य ने इस तरह की कक्षा की कड़ी आलोचना की है.यहां कक्षाएं इस्लामिक समूह मुजाहिद विजडम इस्लामिक ऑर्गनाइजेशन द्वारा LGBTQIA: बिहाइंड द रेनबो फ्लैग्स: अंडरस्टैंडिंग LGBTQIA फ्रॉम ए इस्लामिक पर्सपेक्टिव" विषय पर आयोजित की गई थीं.

यह मामला तब सामने आई जब क्लास चलाने वाले ग्रुप के एक पदाधिकारी ने सोशल मीडिया पर इसकी एक तस्वीर पोस्ट की. पदाधिकारी ने कहा कि कक्षाओं का खर्च समूह द्वारा वहन किया गया था, जिसका विचार था कि वे एक स्क्रीन या पर्दा लगा सकते हैं, क्योंकि वे दो लिंगों (महिला- पुरुषों) को अलग करना चाहते हैं. पदाधिकारी की इस पोस्ट के जवाब में एक आलोचक ने लिखा, "बस अपनी हताशा दिखाओ और बच्चों जाओ," 

वहीं आयोजनकर्ता ने कक्षाओं को सही ठहराते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें एक निजी स्थान पर आयोजित किया गया था. एसएफआई के प्रदेश अध्यक्ष अनुश्री नेकहा कि यह चिंता का विषय है कि उच्च शिक्षित छात्र ऐसी कक्षाओं में भाग ले रहे हैं. केरल शास्त्र साहित्य परिषद जो राज्य में एक प्रगतिशील जन विज्ञान आंदोलन है ने इसकी निंदा की और आश्चर्य जाहिर किया कि आयोजनकर्ता के इस कृत्य पर किसी ने सवाल क्यों नहीं खड़ा किया. 

परिषद के पदाधिकारियों ने मीडिया से कहा, "कक्षा लेने वालों ने यह नहीं बताया कि पर्दा क्यों था और कक्षा में शामिल होने वालों ने पर्दे की जरूरत पर सवाल नहीं उठाया." सोशल मीडिया पर इस घटना की निंदा पर आयोजक ने अपनी कार्रवाई का बचाव करते हुए कहा कि कुछ भी गलत नहीं था. वहीं शासकीय मेडिकल कॉलेज के छात्र संघ ने कहा कि उसके परिसर में कक्षा का आयोजन नहीं किया गया था.

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