'कोई केतना बड़ा होई, अपने घरे क होई..'- जब काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण में PM मोदी ने भोजपुरी में कहीं ये बातें

PM Modi in Varanasi : पूर्वांचल के केंद्र बनारस में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के उद्घाटन के लिए बनारस पहुंचे पीएम ने अपने संबोधन के दौरान भोजपुरी भाषा का भी इस्तेमाल किया और कई दिलचस्प बातें कहीं.

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पीएम मोदी ने काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण करने के बाद दिया संबोधन.

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर प्रोजेक्ट का अनावरण कर दिया. पीएम मोदी ने मंदिर के अनावरण के बाद वहां उपस्थित मेहमानों सहित पूरे देश को संबोधित किया. पीएम ने इस परियोजना को लेकर कहा कि 'भारत की आत्मा का जीवन अवतार है काशी. विश्वनाथ धाम का ये पूरा नया परिसर एक भव्य भवन भर नहीं है,
ये प्रतीक है, हमारे भारत की सनातन संस्कृति का! ये प्रतीक है, हमारी आध्यात्मिक आत्मा का! ये प्रतीक है, भारत की प्राचीनता का, परम्पराओं का! भारत की ऊर्जा का, गतिशीलता का.'

पीएम ने कहा कि 'पहले यहां जो मंदिर क्षेत्र केवल तीन हजार वर्ग फीट में था, वो अब करीब 5 लाख वर्ग फीट का हो गया है. अब मंदिर और मंदिर परिसर में 50 से 75 हजार श्रद्धालु आ सकते हैं. यानि पहले माँ गंगा का दर्शन-स्नान, और वहां से सीधे विश्वनाथ धाम.'

पीएम के भाषण के भोजपुरी के अंश

बता दें कि पूर्वांचल के केंद्र बनारस में पहुंचे पीएम ने अपने संबोधन के दौरान भोजपुरी भाषा का भी इस्तेमाल किया और कई दिलचस्प बातें कहीं. 

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अपना संबोधन शुरू करते हुए पहले 'हर-हर महादेव' का उद्घोष किया, जिसके बाद उन्होंने कहा कि 'मैं अभी नगर कोतवाल कालभैरव जी चरणों में शीश नवाकर आ रहा हूं. देशवासियों के लिए उनका आशीर्वाद लेकर आ रहा हूं. काशी में कुछ भी खास हो तो सबसे पहले उनसे पूछना आवश्यक है. मैं काशी के कोतवाल के चरणों में अभिवादन करता हूं.'

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इसके बाद पीएम ने भोजपुरी में बोलते हुए कहा कि 'काशी के लोगन के प्रणाम करत हईं. शुभ घड़ी आइल ह, आपसब लोगन के बहुत-बहुत बधाई ह.' पीएम ने कहा, 'ई विश्वनाथ धाम बाबा के आशीर्वाद से बनल ह. उनकी मर्जी के बिना कोई पत्ता भी हिल सकेला का?' पीएम ने कहा कि 'कोई केतना भी बड़ा होई, अपने घरे क होइए. काशी में एक ही सरकार है....जिनके हाथों में डमरू है, उनकी सरकार है.' 

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पीएम ने अंग्रेजों के काल और वॉरेन हेस्टिंग्स का जिक्र करते हुए कहा कि 'काशी ने कई दौर देखे हैं. कई सुल्तान आए और चले गए, लेकिन काशी बनी हुई है. इतिहासकारों ने सुंदर काशी के बारे में बताया है, लेकिन आतातायियों ने इस नगरी पर आक्रमण किए, इसे ध्वस्त करने के प्रयास किए! औरंगजेब के अत्याचार, उसके आतंक का इतिहास साक्षी है. लेकिन इस देश की मिट्टी बाकी दुनिया से कुछ अलग है. जब यहाँ अगर औरंगजेब आता है तो शिवाजी भी उठ खड़े होते हैं!'

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पीएम ने कहा कि 'अंग्रेजों के वक्त में भी हेस्टिंग का क्या हश्र हुआ, काशी के लोगों ने किया था, ये तो काशी के लोग जानते ही हैं. हाथी पर हौदा और जी जान लेकर भगले रहले वॉरेन हेस्टिंग्स.'

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