कल्कि पीठाधीश्वर और कांग्रेस के पूर्व नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम (Acharya Pramod Krishnam) ने उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra) मार्ग पर पड़ने वाली खानपान की दुकानों, भोजनालयों पर दुकानदारों की नेमप्लेट लगाने के उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश का समर्थन किया है. उन्होंने कहा है कि जब सभी जगह अपनी पहचान जाहिर करना जरूरी होता है तो यहां पहचान छुपाने की क्या जरूरत है?
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा- ''कावड़िया बड़ी पवित्र भावना के साथ जल लेकर आता है. वह तपस्या करता है. तपती धूप में, गर्मी में कितना पैदल चलता है. इससे बड़ी तपस्या कलयुग में नहीं है. उन तपस्वियों के साथ छल मत करो, फरेब मत करो.''
उन्होंने कहा कि, ''भारत का कानून कहता है कि आप अपनी पहचान को छुपाओ मत. हवाई जहाज में चढ़ते हो तो आईडेंटिटी दिखानी पड़ती है कि नहीं? आधार कार्ड क्यों बना है, वोटर आईडी क्यों बनी है, पासपोर्ट क्यों बना है? आप किसी दूसरे देश में जाते हैं तो अपनी पहचान छुपाते हैं क्या? आप कहीं भी जाते हैं, टिकट खरीदते हैं हवाई जहाज का, रेल का, आपको आईडी देनी पड़ती है. आप होटल में चेक-इन करते हैं तो आपको आईडी देनी पड़ती है.''
उन्होंने कहा कि, ''मेरी समझ में नहीं आता कि यह पहचान छुपाकर आपको हासिल क्या होगा? उत्तर प्रदेश की सरकार ने जो फैसला लिया है, वह जनहित में है. कांवड़ियों की आस्था, श्रद्धा को देखते हुए, भारत के कानून और कांवड़ियों की सुरक्षा को देखते हुए फैसला लिया गया है. मैं योगी आदित्यनाथ जी के इस फैसले का समर्थन करता हूं.''
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