"जज अदालत में पेंडिंग मामलों पर नहीं दे सकते इंटरव्यू": अभिषेक बनर्जी की याचिका पर SC ने मांगी रिपोर्ट

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि जजों को उन मामलों मे नहीं बोलना चाहिए, जो उसके समक्ष सुनवाई के लिए लंबित हैं. जजों को ऐसे मामले में बिल्कुल भी शामिल नहीं होना चाहिए.

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नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कलकत्ता हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल से चार दिन के भीतर इस संबंध में रिपोर्ट देने को कहा कि क्या जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने पश्चिम बंगाल में स्कूल भर्ती घोटाले से संबंधित लंबित मामले में एक न्यूज चैनल को इंटरव्यू दिया था. प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ ने इस मामले को लेकर एक समाचार चैनल को दिए गए जस्टिस गंगोपाध्याय के कथित इंटरव्यू पर संज्ञान लिया और कहा, ‘‘कोई जज लंबित मामलों के बारे में इंटरव्यू नहीं दे सकता.''

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि जजों को उन मामलों मे नहीं बोलना चाहिए, जो उसके समक्ष सुनवाई के लिए लंबित हैं. जजों को ऐसे मामले में बिल्कुल भी शामिल नहीं होना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'जजों के पास उनके समक्ष लंबित मामलों के संबंध में इंटरव्यू देने का कोई अधिकार नहीं है.' उन्होंने पूछा है कि क्या कलकत्ता हाईकोर्ट के जज ने किसी टीवी चैनल को इंटरव्यू दिया है? अगर ऐसा है, तो वह कार्यवाही में भाग नहीं ले सकते. 

सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल जस्टिस गंगोपाध्याय से व्यक्तिगत रूप से सत्यापित करने का निर्देश दिया हैं कि क्या उन्होंने मीडिया हाउस को कोई इंटरव्यू दिया था. अभी हम मामले के गुण-दोष में नहीं पड़ रहे हैं. सीजेआई ने कहा कि सवाल यह है कि क्या जजों को इंटरव्यू के दौरान मामले सुनने की अनुमति दी जा सकती है?

28 अप्रैल को होगी मामले की सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने ये भी निर्देश दिया है कि हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल शुक्रवार से पहले इस मामले मे हलफनामा दाखिल करें. मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार यानी 28 अप्रैल को होगी. 

अभिषेक बनर्जी ने दाखिल की है याचिका
तृणमूल कांग्रेस सांसद अभिषेक बनर्जी ने स्कूल-फॉर-जॉब मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा जांच के कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है.

सुप्रीम कोर्ट ने अभिषेक बनर्जी को दी थी राहत
इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने अभिषेक बनर्जी को बड़ी राहत देते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट के 13 अप्रैल के उस आदेश पर रोक लगा दी थी, जिसमें उसने सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय को अभिषेक बनर्जी, शिक्षक भर्ती घोटाले के एक आरोपी कुंतल घोष से पूछताछ करने का आदेश दिया था.

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हाईकोर्ट की एकल बेंच ने दिया था ये आदेश
हाईकोर्ट की एकल बेंच ने अपने आदेश में पश्चिम बंगाल पुलिस को स्कूल भर्ती घोटाले की जांच कर रहे सीबीआई और ईडी अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज न करने का निर्देश दिया था. हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी के एक भाषण का संज्ञान लिया था, जिसमें उन्होंने (अभिषेक ने) कहा था कि जांच एजेंसियां घोटाले के एक आरोपी कुंतल घोष पर दबाव बना रही हैं कि घोष उनका (अभिषेक का) नाम लें. (PTI इनपुट के साथ)

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