2008 में जयपुर में हुए सीरियल बम ब्लास्ट का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है. चार दोषियों को बरी करने के हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ पीड़ितों ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर की है. 2019 में निचली अदालत ने चार दोषियों को फांसी की सज़ा दी थी. इसी साल 29 मार्च को दिए आदेश में HC ने दोषियों को बरी कर दिया था.
4 दोषी HC से बरी
2008 में जयपुर ब्लास्ट में 71 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 185 लोग घायल हो गए थे. 13 मई 2008 को हुए जयपुर सीरियल बम ब्लास्ट मामले में राजस्थान हाईकोर्ट ने 4 दोषियों को बरी कर दिया था. साल 2019 में निचली कोर्ट ने जयपुर बम ब्लास्ट केस में फैसला सुनाते हुए इस मामले के 4 आरोपियों को दोषी माना था. कोर्ट ने आरोपियों को UAPA के तहत अलग-अलग धाराओं में दोषी माना था और एक आरोपी को बरी भी कर दिया था. मामले में कुल 5 आरोपी थे.
जानिए क्या है पूरा मामला?
13 मई 2008 को जयपुर के परकोटे में 8 जगहों पर सिलसिलेवार बम धमाके हुए थे. इनमें 73 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 185 घायल हुए थे. कोर्ट ने बम धमाकों के दोषियों को 20 दिसंबर 2019 को फांसी की सजा सुनाई थी. इस मामले में 24 गवाह बचाव पक्ष ने पेश किए थे, जबकि सरकार की ओर से 1270 गवाह पेश हुए थे.
सजा सुनाते वक्त कोर्ट ने कहा था कि विस्फोट के पीछे 'जिहादी' मानसिकता थी. यह मानसिकता यहीं नहीं थमी. इसके बाद अहमदाबाद और दिल्ली में भी विस्फोट किए गए. कोर्ट ने मोहम्मद सैफ, सैफुर्रहमान, सरवर आजमी और मोहम्मद सलमान को हत्या, राजद्रोह और विस्फोटक अधिनियम के तहत दोषी पाया था. मामले में कुल 13 लोगों को पुलिस ने आरोपी बनाया था और 3 आरोपी अब तक फरार हैं. जबकि 3 हैदराबाद और दिल्ली की जेल में बंद है. बाकी बचे 2 दिल्ली में बाटला हाउस मुठभेड़ में मारे जा चुके हैं.
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