Jahangirpuri demolition मामले में CPIM नेता वृंदा करात ने SC में डाली अर्जी, कार्रवाई को बताया अमानवीय व अवैध

बता दें कल भी वृंदा करात एमसीडी की कार्रवाई का विरोध करती नजर आई थीं. वह जहांगीरपुरी में अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान सुप्रीम कोर्ट के आदेश की कॉपी लेकर यहां पहुंची थीं और एक बुलडोजर को रोकते हुए नजर आईं.

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Jahangirpuri demolition मामले में CPIM नेता वृंदा करात ने SC में डाली अर्जी

नई दिल्ली:

जहांगीरपुरी में अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान एमसीडी की कार्रवाई पर सियासत गरमाई हुई है. एमसीडी की कार्रवाई पर विपक्षी दल सरकार को निशाना बना रहे हैं और अब यह मामला अदालती चौखट तक पहुंच गया है. इस मामले में सीपीआईएम नेता वृंदा करात  ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी डाली है. अपनी अर्जी में करात ने डेमोलिशन को अमानवीय, अवैध और अनैतिक कृत्य बताया. साथ ही लोगों के बुनियादी अधिकारों में शामिल जीने के अधिकार और रोजगार व बसेरे के अधिकार का हनन बताया.

वहीं इस ध्वस्तीकरण से प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत की भी अवमानना हुई है. लिहाजा तोड़फोड़ का आदेश रद्द करते हुए अदालत इन पीड़ितों के लिए मुआवजा भी तय करे और सरकार को आदेश दे कि तय समय सीमा में मुआवजा अदा किया जाय.

बता दें कल भी वृंदा करात एमसीडी की कार्रवाई का विरोध करती नजर आई थीं. वह जहांगीरपुरी में अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान सुप्रीम कोर्ट के आदेश की कॉपी लेकर यहां पहुंची थीं और एक बुलडोजर को रोकते हुए नजर आईं. इस दौरान वृंदा करात सुप्रीम कोर्ट के आदेश की कॉपी लहराते हुए दिखीं. दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने जमीयत उलमा-ए-हिंद की याचिका पर सुनवाई करते हुए जहांगीरपुरी में अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने की कार्रवाई को रोकने का आदेश दिया था.  

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