महाराष्ट्र (Maharashtra) में पिछले एक सप्ताह के दौरान अलग-अलग जगहों पर ड्रग्स के खिलाफ कार्रवाई की गई है. मुंबई पुलिस (Mumbai Police) हो, एंटी नारकोटिक्स सेल हो या फिर नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (Narcotics Control Bureau), सभी ने बड़े पैमाने पर ड्रग्स को बरामद किया है और कई आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है. पिछले एक सप्ताह में नासिक, सोलापुर और पुणे में ड्रग्स की फैक्ट्रियों का खुलासा हुआ है. जहां से करीब 450 करोड़ की ड्रग्स बरामद की गई है और दर्जनों आरोपी पकड़े हैं. प्रदेश में अचानक से ड्रग्स का कारोबार बढ़ गया है और नशे के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई भी की जा रही है. हालांकि ऐसे में यह सवाल पूछा जा रहा है कि क्या महाराष्ट्र ड्रग्स का हब बनता जा रहा है?
मुंबई पुलिस की साकीनाका पुलिस ने नासिक एमआईडीसी में एक फैक्टरी पर छापा मारा और करीब 150 किलो ड्रग्स बरामद की है. मुंबई के ज्वाइंट सीपी सत्यनारायण चौधरी ने कहा कि पुलिस ने अभी तक कुल 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. दस ग्राम के सीजर से केस शुरू हुआ था, उसमें हमने नाशिस में ड्रग बनाने की फैक्ट्री में छापा मारकर करीब 150 किलो एमडी ड्रग्स जब्त की है, जिसकी मार्केट वैल्यू 300 करोड़ रुपये है.
उसके बाद एनसीबी ने पुणे के जंगल में दो लैब पर छापा मारा और दो सौ किलो के करीब ड्रग्स बरामद की. एनसीबी के मुंबई जोनल डायरेक्टर अमित घावटे ने कहा कि ये दोनों जगहें ऐसी थी, जहां पर गाड़ी नहीं जा सकती थी. फिर भी हमने उसे खोज निकाला. उन्होंने बताया कि छापेमारी में करीब दो सौ किलो अल्प्रोजैम मिला है. साथ ही भारी मात्रा में रॉ मैटेरियल भी बरामद हुआ है. घावटे ने बताया कि वहां पर हाईटेक प्लांट थे.
साथ ही अब सोलापुर के चिंचोली एमआईडीसी की एक फैक्टरी में ड्रग्स बनाने की तीन लैब से मुंबई क्राइम ब्रांच ने बड़ी मात्रा में ड्रग्स और कच्चा माल बरामद किया है. मुंबई के डीसीपी क्राइम राज तिलक रोशन ने कहा कि करीब 8 किलो तैयार एमडी ड्रग्स बरामद किया है. साथ ही 50 से 60 किलो सेमी प्रोसेस्ड एमडी मिला है. तैयार ड्रग्स की कीमत करीब 16 करोड़ है और सेमी प्रोसेस्ड की कीमत 100 करोड़ है.))
इसके साथ ही ड्रग्स के खिलाफ कार्रवाई में मुंबई पुलिस की एंटी नारकोटिक्स सेल भी लगातार ड्रग्स की बरामदगी और तस्करों की धरपकड़ कर रही है.
महाराष्ट्र के गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि मैंने क्राइम कंट्रोल कांफ्रेंस में सभी यूनिट्स को साफ शब्दों में कहा था कि अब हमारा टारगेट ड्रग्स है. सभी ने उसके बाद कार्रवाई शुरू की. सबसे पहले मुंबई पुलिस ने कार्रवाई शुरू की. अब सभी कर रहे हैं. केंद्र सरकार का भी इस पर फोकस है.
ड्रग्स के खिलाफ कार्रवाई तो बढ़ी है, लेकिन पुणे में ड्रग्स तस्कर ललित पाटिल के कारनामे ने जेल और पुलिस प्रशासन को कटघरे में खड़ा कर दिया है. पहले तो ललित पाटिल गिरफ्तारी के बाद भी जेल में रहने की बजाय 9 महीने ससून अस्पताल में रहकर ड्रग्स का कारोबार करता रहा, जब राज खुला तो पुलिस को चकमा देकर अस्पताल से भाग निकला और अभी तक पकड़ा नहीं गया है.
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