‘महिला सशक्तीकरण के लिए योग’ थीम के साथ मनाया जाएगा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस

एआईआईए की निदेशक प्रोफेसर तनुजा नेसरी ने अपने उद्घाटन भाषण में महिला सशक्तिकरण के लिए इस योग दिवस को मनाने का आह्वान किया.

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नई दिल्ली:

21 मई 2024 को अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (AIIA) ने  अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2024 के 10वें संस्करण के उपलक्ष्य में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया. इस वर्ष के कार्यक्रम की थीम ‘महिला सशक्तिकरण के लिए योग' थी. कार्यक्रम की मुख्य अतिथि और प्रख्यात मोटिवेशनल स्पीकर *सिस्टर बीके शिवानी* ने सभा को संबोधित करते हुए समाज में आयुर्वेद और इसके सहयोगी विज्ञानों की सेवाओं के विस्तार में एआईआईए की भूमिका की सराहना की.

योग सशक्त बनाता है

उन्होंने कहा कि आज के युवाओं को धैर्य और मानवता के उत्थान के लिए योग के महत्व को समझना चाहिए. उन्होंने बताया कि योग के अभ्यास से प्राप्त शांत मन व्यक्ति को समाज की भलाई के लिए सही निर्णय लेने में सक्षम बनाता है. उन्होंने यह भी जोर दिया कि महिला सशक्तिकरण सभी के समग्र विकास के लिए आवश्यक है. उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी विकास को सतत प्रक्रिया के रूप में देखना चाहिए, जैसे कि अस्पताल में बुनियादी ढांचा, संकाय और मानव संसाधन विकास इसके विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.

महिलाओं के लिए योग जरूरी है

एआईआईए की निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) तनुजा नेसरी* ने अपने उद्घाटन भाषण में महिला सशक्तिकरण के लिए इस योग दिवस को मनाने का आह्वान किया. उन्होंने सभी से अपने मन, आत्मा और आत्मा को मजबूत करने, खुद के साथ और बाहरी दुनिया के साथ जुड़ने और आयुर्वेद के जीवन जीने के तरीके का पालन करने की अपील की. उन्होंने कहा कि आयुर्वेद और योग एक ही सिक्के के दो पहलू हैं, जहां आयुर्वेद योग का भौतिक पहलू है और योग आयुर्वेद का आध्यात्मिक पहलू है. उन्होंने सभी से योग और आयुर्वेद दोनों को सिखाने और अभ्यास करने का आग्रह किया.

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योग सबके लिए जरूरी है

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस समारोह के हिस्से के रूप में, एआईआईए ने थैरेप्यूटिक योग पर एक पुस्तिका और 5-दिवसीय कॉमन योग प्रोटोकॉल लॉन्च किया. यह प्रोटोकॉल एआईआईए विद्वानों द्वारा दिल्ली के विभिन्न प्रतिष्ठित स्थानों पर प्रदर्शित किया जाएगा. अन्य पहलों में आईटीबीपी अधिकारियों और उत्तर पूर्व भारत में आयुष संस्थानों के साथ सहयोग से अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं पर आयुर-योग का प्रचार, स्वास्थ्य शिविर, स्वास्थ्य किटों का वितरण और वृद्धाश्रमों और एआईआईए के अस्पताल ब्लॉक में योग जागरूकता कार्यक्रम शामिल हैं.

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एआईआईए की स्थापना 17 अक्टूबर 2017 को आयुर्वेद, प्राचीन भारतीय चिकित्सा प्रणाली के ज्ञान और अभ्यास के प्रचार और उन्नति के लिए की गई थी. पिछले छह वर्षों में संस्थान ने इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति की है, और वैश्विक स्तर पर आयुर्वेदिक शिक्षा और अनुसंधान का एक प्रमुख केंद्र बन गया है.

कार्यक्रम के बाद वाई ब्रेक और योगा फ्यूजन सत्रों का आयोजन किया गया. आयुष मंत्रालय की संयुक्त सचिव सुश्री भावना सक्सेना, मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान के निदेशक वैद्य डॉ. काशीनाथ समागंडी, पद्म श्री पुरस्कार विजेता कमलिनी अस्थाना और नलिनी अस्थाना सहित वरिष्ठ अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे. इस अवसर पर एआईआईए के डीन, वरिष्ठ संकाय सदस्य और अन्य सदस्य भी मौजूद थे.

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