भारत का जल प्रहार : बढ़ती गर्मी, सिंधु में घटता पानी और पाकिस्तान में त्राहिमाम

पाकिस्‍तान में इस समय 21% जल की कमी है. पाकिस्तान के पंजाब और सिंध प्रांत में सिंचाई की पूरी व्यवस्था सिंधु रिवर सिस्टम पर आधारित है, जो झेलम, चिनाब और सिंधु नदियों से पानी प्राप्त करती है.

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भारत की ओर से चिनाब में पानी सप्लाई में कमी से पाकिस्तान की कृषि व्यवस्था को गहरा झटका
इस्लामाबाद:

ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत ने पाकिस्‍तान को कई मोर्चों पर घेरा है. इनमें से एक है वाटर स्‍ट्राइक. भारत ने पाकिस्‍तान के साथ सिंधु जल संधि तोड़ उसे बूंद-बूंद पानी के लिए तरसाने की रणनीति बनाई, जो अब कारगर होती नजर आ रही है. पाकिस्तान की इंडस रिवर सिस्टम अथॉरिटी (IRSA)के ताजा आंकड़े बताते हैं कि वहां इस समय 21% जल की कमी महसूस की जा रही है, जिसका असर आने वाले समय में फसलों की पैदावार पर देखने को मिल सकता है. पाकिस्‍तान में पानी की कमी आने वाले समय में और बढ़ सकती है. तो क्‍या पाकिस्‍तान में भयंकर तबाही आने वाली है? पाकिस्‍तान बूंद-बूंद पानी के लिए तरसने वाला है...?

पाकिस्तान की इंडस रिवर सिस्टम अथॉरिटी (IRSA)के ताजा आंकड़े...

  • पाकिस्‍तान में इस समय 21% जल की कुल कमी, जिसका प्रभाव फसलों की पैदावर पर पड़ना तय.  
  • पाकिस्तान के पंजाब और सिंध प्रांत में सिंचाई की पूरी व्यवस्था सिंधु रिवर सिस्टम पर आधारित है, जो झेलम, चिनाब और सिंधु नदियों से पानी प्राप्त करती है.
  • मई से सितंबर तक चलने वाले खरीफ सीजन की बुआई पर इसका सीधा असर पड़ा है.
  • भारत की ओर से चिनाब में पानी सप्लाई में कमी से पाकिस्तान की कृषि व्यवस्था को गहरा झटका लगा है. 
  • खरीफ फसल के लिए पाक में पानी न के बराबर है. 2 बेहद अहम डैम में पानी उतर गया है. 
  • दो प्रमुख जलाशयों में पानी उतर गया, जिसमें झेलम पर मंगला डैम और सिंधु पर तरबेला डैम शामिल हैं.

पाकिस्तान सरकार द्वारा आज जारी लेटेस्‍ट आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि 02 जून, 2025 तक पंजाब प्रांत में सिंधु नदी प्रणाली (पाकिस्तान के अंदर) में पानी की उपलब्धता 02 जून, 2024 की तुलना में 10% कम हो गई है. पानी की उपलब्धता में यह महत्वपूर्ण गिरावट ऐसे समय में आई है, जब पाकिस्तान में महत्वपूर्ण खरीफ फसलों की बुवाई पहले से ही चल रही है. पाकिस्तान के सिंधु नदी प्रणाली प्राधिकरण (आईआरएसए) के अनुसार, जो पाकिस्तान के अंदर सिंधु नदी प्रणाली में पानी के वितरण का प्रबंधन करने के लिए जल नियामक के रूप में कार्य करता है, 02 जून, 2025 तक पंजाब प्रांत में पानी की कुल उपलब्धता सिर्फ 1,28,800 क्यूसेक थी! आज जारी की गई IRSA की नवीनतम "दैनिक जल स्थिति" रिपोर्ट से पता चलता है कि पिछले वर्ष 02 जून, 2024 को पंजाब प्रांत में सिंधु नदी प्रणाली में पानी की उपलब्धता 1,43,600 क्यूसेक थी. इससे पता चलता है कि 02 जून, 2025 को पंजाब प्रांत में सिंधु नदी प्रणाली में पानी की उपलब्धता 14,800 क्यूसेक थी, यानी पिछले वर्ष की तुलना में 10.30% कम. 

पंजाब प्रांत में सिंधु नदी प्रणाली में पानी की उपलब्धता में यह महत्वपूर्ण गिरावट किसानों के लिए बहुत बुरी खबर है, क्योंकि अभी खरीफ फसलों की बुवाई चल रही है. दक्षिण-पश्चिम मानसून के इस महीने के अंत में ही पंजाब प्रांत में पहुंचने की उम्मीद है. इसका मतलब है कि आने वाले चार हफ्तों में पानी की उपलब्धता में और गिरावट आएगी, जिससे प्रांत में खरीफ फसल की बुवाई के लिए पानी की उपलब्धता और सीमित हो जाएगी.

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पाक सिंधु संधि का कर रहा उल्लंघन...

पाकिस्तान की धरती से जारी सीमा पार आतंकवाद को सिंधु जल संधि के कार्यान्वयन में बाधा बताते हुए भारत ने कहा कि पड़ोसी देश को इस संधि के उल्लंघन के लिये उस पर दोष मढ़ना बंद कर देना चाहिए. शुक्रवार को ताजिकिस्तान के दुशांबे में हिमनदों पर संयुक्त राष्ट्र के पहले सम्मेलन के पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए पर्यावरण राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद के जरिए संधि का उल्लंघन कर रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘हम पाकिस्तान द्वारा मंच का दुरुपयोग करने तथा ऐसे मुद्दों का अनुचित संदर्भ लाने के प्रयास से स्तब्ध हैं जो मंच के दायरे में नहीं आते. हम ऐसे प्रयास की कड़ी निंदा करते हैं.'' भारत और पाकिस्तान के बीच 1960 में सिंधु जल संधि पर हस्ताक्षर हुए थे, जिसमें विश्व बैंक भी हस्ताक्षरकर्ता था. यह संधि दोनों देशों के बीच सिंधु नदी प्रणाली के जल के बंटवारे को नियंत्रित करती है.

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क्या-क्या भुगतेगा पाकिस्तान?

  • खरीफ की फसल चौपट होगी
  • पंजाब-सिंध में भारी नुकसान
  • हाइड्रो पावर उत्पादन में कमी 
  • बिजली के लिए हाहाकार मचेगा

शहबाज़ ने तजाकिस्तान में भारत के कदमों पर चिंता जताई

जल संकट से परेशान पाक पीएम शहबाज़ शरीफ ने तजाकिस्तान में भारत के कदमों पर चिंता जताई है. उन्‍होंने कहा कि भारत पानी रोक कर स्थिति को और खराब कर रहा है. पाकिस्तानी अखबार ‘डॉन' ने शरीफ के हवाले से कहा है, ‘सिंधु बेसिन के पानी के बंटवारे को नियंत्रित करने वाली सिंधु जल संधि को स्थगित रखने का भारत का एकतरफा और अवैध निर्णय अत्यंत खेदजनक है.' आपको बता दें  भारत को सिंधु जल संधि के तहत रावी, ब्यास, सतलज जैसी पूर्वी नदियों पर पूरा अधिकार, जबकि पश्चिमी नदियों यानी झेलम, चेनाब और सिंधु के पानी पर सीमित अधिकार है. पहलगाम के बाद भारत ने सिंधु जल संधि को सस्पेंड कर दिया है. भारत ने पाकिस्तान को जल प्रवाह से जुड़ा कोई भी डेटा साझा करना बंद कर दिया है.
 

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