भारत ने बेहद सख्ती और शिद्दत से दिया जवाब : चीन के साथ गतिरोध पर विदेश मंत्री एस जयशंकर

जयशंकर ने बताया कि कैसे प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक जागरुकता पैदा करने की कोशिश की.

विज्ञापन
Read Time: 24 mins
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि आखिरकार हमें जो करना है हम वो करेंगे. (फाइल)
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
देश ने सख्ती से जवाब दिया और सैन्य तैनाती भी की हुई है : जयशंकर
जयशंकर ने चीन के साथ गतिरोध को लेकर फिक्की में अपनी बात रखी
विदेश मंत्री ने कहा कि आखिरकार हमें जो करना है हम वो करेंगे.
नई दिल्ली:

विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने शनिवार को कहा कि पिछले तीन वर्ष में भारत के समक्ष उत्तरी सीमाओं पर ‘‘असाधारण रूप से कठिन'' चुनौती थी लेकिन देश ने बेहद सख्ती से उसका जवाब दिया है और राष्ट्र की सुरक्षा के जरूरी सैन्य तैनाती भी की हुई है. जयशंकर ने यह बात पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ जारी गतिरोध के संदर्भ में फिक्की में अपने संबोधन में कही. विदेश मंत्री ने अपने संबोधन में यह भी बताया कि किस प्रकार केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार आत्मविश्वास के साथ एक के बाद एक निर्णय लेती है फिर चाहे वे कितने भी कठोर और मुश्किल क्यों न हों. 

जयशंकर ने कहा, ‘‘आप सब जानते हैं कि पिछले तीन वर्ष में चुनौतियों की बात करें तो हमारे समक्ष उत्तरी सीमाओं पर असाधारण रूप से कठिन वक्त था.''

उन्होंने कहा,‘‘हालांकि कि ये कोविड के वक्त में हुआ, फिर भी हमने बेहद सख्ती से और पूरी शिद्दत से इसका जवाब दिया और आज की तारीख में हम हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जिस भी प्रकार से जरूरी है हम डटे हुए हैं.''

Advertisement

जयशंकर ने यह भी बताया कि कैसे प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक जागरुकता पैदा करने की कोशिश की या क्वाड की रूपरेखा के तहत सहयोग के लिए आगे बढ़ा, लेकिन उस वक्त एक विमर्श था जिससे कोई असहज हो सकता था. यह परोक्ष रूप से चीन के संदर्भ में था. 

Advertisement

उन्होंने कहा, ‘‘अगर कोई और असहज महसूस करता है तो यह उनकी समस्या है.''

विदेश मंत्री ने कहा,‘‘आखिरकार हमें जो करना है हम वो करेंगे. फिर चाहने वह कितना भी मुश्किल या कठोर क्यों न हो.”

Advertisement

उन्होंने कहा कि इस प्रकार का रुख हमें ‘‘भारत के तौर पर वर्णित '' करेगा. 

भारत द्वारा रूस से कच्चे तेल की खरीद जारी रखने का विशेष रूप से उल्लेख किए बिना जयशंकर ने कहा कि ऊर्जा खरीद पर देश की पसंद राष्ट्रीय हितों से प्रेरित थी.

Advertisement

यूक्रेन संघर्ष के मद्देनजर रूस से कच्चा तेल नहीं खरीदने के पश्चिम के दबाव के बावजूद भारत ने ऐसा करना जारी रखा. 

उन्होंने बड़े व्यवसायों से भारत को अपनी आपूर्ति श्रृंखला बनाने में मदद करने का भी आह्वान किया. 

ये भी पढ़ें :

* "रूस के साथ संबंधों को भारत के लिए बाधा मानना ठीक नहीं" : विदेश मंत्री एस जयशंकर
* बाइडेन के सुरक्षा सलाहकार ने खालिस्तानी आतंकी हत्या की साजिश विवाद के बीच एस जयशंकर से की मुलाकात
* भारत का नेतृत्व और विचार प्रक्रियाएं देश से जुड़े लोगों द्वारा संचालित: जयशंकर

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Dehradun: दून अस्पताल में बनी अवैध मजार को प्रशासन ने बुलडोजर से गिराया | Uttarakhand