युद्ध किसी भी देश के लिए अच्छा नहीं है... क्या बोले अगले चीफ जस्टिस बीआर गवई?

जस्टिस बी आर गवई ने कहा कि जब एकबार आप सीजेआई बन जाते है तो रिटायरमेट के बाद उन पदों को स्वीकार नही करना चाहिए जो प्रोटोकॉल में सीजेआई के पद से नीचे हो, गवर्नर का पद भी सीजेआई से नीचे आता है.

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14 मई को देश के 52 वें चीफ जस्टिस की शपथ लेने जा रहे जस्टिस बी आर गवई ने मीडिया से अनौपचारिक बातचीत मे पाकिस्तान के मौजूदा टकराव /ऑपरेशन सिंदूर पर कहा कि देश के हम भी नागरिक है हमें भी चिंता होती है. उन्होंने कहा कि सीजफायर पर बोले कि युद्ध कोई अच्छी चीज नहीं है. हमारे सामने युद्ध के दो उदाहरण है जो अभी भी चल रहे हैं. यूक्रेन मे कितने दिनो से वॉर हो रहा है क्या मिला. युद्ध से कुछ हासिल नहीं होता.

पहलगाम घटना पर जस्टिस बी आर गवई ने कहा कि सुबह जब पढ़ा अखबार पढ़ा कि पहलगाम मे ऐसी दुखद घटना हुई है तो बहुत दुख हुआ उस समय चीफ जस्टिस देश के बाहर थे. उनसे सम्पर्क किया गया फिर हमने फैसला लिया कि उनके लिए दो मिनट का मौन रखा जाएगा और रखा गया  आखिर हम भी इस देश के जिम्मेदार नागरिक है हम भी प्रभावित होते हैं. जब देश शोक मे हो तो सुप्रीम कोर्ट उससे अलग नहीं रह सकता.

रिटायर होने के बाद राजनीति मे जाने के सवाल पर जस्टिस बी आर गवई ने कहा कि उनका राजनीति में जाने कोई इरादा नहीं है. हालांकि, उनके पिता महाराष्ट्र के एक बडे नेता थे बिहार सहित कई राज्यों के गवर्नर रहे थे. लेकिन मुझे राजनीति मे नहीं जाना है. उस समय की राजनीति की बात कुछ और थी. जस्टिस बी आर गवई ने कहा कि रिटायरमेट के बाद कोई राजनीतिक पद नही लूंगा .

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जस्टिस बी आर गवई ने कहा कि जब एकबार आप सीजेआई बन जाते है तो रिटायरमेट के बाद उन पदों को स्वीकार नही करना चाहिए जो प्रोटोकॉल में सीजेआई के पद से नीचे हो, गवर्नर का पद भी सीजेआई से नीचे आता है.

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जस्टिस बी आर गवई ने कहा कि मै बौद्ध धर्म का पालन करता हूं. मेरा सौभाग्य है कि बुध पुर्णिमा के तत्काल बाद ही चीफ जस्टिस पद की शपथ लूंगा. बाबा साहब अम्बेडकर के साथ ही मेरे पिता जी ने बौद्ध धर्म ग्रहण किया था. मैं  देश का पहला बौद्ध चीफ जस्टिस बनूंगा .

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सुप्रीम कोर्ट के जजों की सम्पत्ति की घोषणा के सवाल पर जस्टिस बी आर गवई ने कहा कि उच्च न्यायालय के जजों को सुप्रीम कोर्ट के जजों की तरह संपत्ति की सार्वजनिक घोषणा करना चाहिए. सोशल मीडिया पर अदालतों और जजों पर आपत्तिजनक  टिप्पणी के सवाल पर जस्टिस बी आर गवई ने कहा कि मैं सोशल मीडिया नहीं देखता.

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निशिकांत दुबे और उप राष्ट्रपति के बयान पर जब सवाल किया गया तो जस्टिस बी आर गवई ने कहा कि लोग कुछ भी कहें संविधान ही सुप्रीम है. केशवानंद भारती के के 13 जजों के फैसले मे ये कहा गया है. जस्टिस यशवंत वर्मा के सवाल पर जस्टिस बी आर गवई ने कहा कि मौजूदा चीफ जस्टिस ने पूरी रिपोर्ट राष्ट्रपति को भेज दी गई है. जस्टिस बी आर गवई ने कहा कि मैं सभी धर्मों मे विश्वास रखता हूं.. मैं मंदिर, दरगाह , जैन मंदिर, गुरूद्वारा भी जाता हूं. 

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