अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए लोकसभा में राहुल गांधी ने कहा कि संसद में वापस लाने के लिए धन्यवाद. साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर हमला किया. राहुल गांधी ने कहा कि आज मैं दिमाग से नहीं, दिल से बोलना चाह रहा हूं... राहुल गांधी ने कहा कि आज मैं दिमाग से नहीं, दिल से बोलना चाह रहा हूं. आज मैं एक-दो गोले ज़रूर दागूंगा, ज़्यादा नहीं...आप लोग रिलैक्स कर सकते हैं.
राहुल गांधी ने कहा, "भारत जोड़ो यात्रा के बाद बहुत सारे लोगों ने मुझसे पूछा कि मैं क्यों चल रहा हूं. कन्याकुमारी से कश्मीर तक क्यों चल रहे हैं. शुरुआत में मैं इन सवालों का जवाब नहीं दे पा रहा था. मुझे लगता था कि मैं लोगों को समझना चाहता हूं, इसलिए चल रहा हूं. कुछ समय बाद में मुझे गहराई से समझ में आया कि जिस चीज से मुझे प्यार था. जिस चीज के लिए मैं मरने के लिए तैयार था, गालियां खाई, उस चीज को मैं समझना चाहता था."
लोकसभा में अपनी भारत जोड़ो यात्रा का जिक्र करते हुए राहुल गांधी ने कहा, "मैं शुरुआत से हर सोच8-10 किलोमीटर दौड़ता हूं, तो 25 किलोमीटर चलने में क्या दिक्कत होगी, लेकिन कुछ दिन चलने के बाद मेरे पांव में दर्द शुरू हो गया. इसके बाद मुझे एक छोटी बच्ची से शक्ति मिली. भारत यात्रा के दौरान मेरे पास किसान आए. उनकी फसल खराब हो गई थी. मैंने उनसे पूछा कि क्या आपको बीमा का पैसा मिला..? उन्होंने जवाब दिया कि नहीं मिला. इस यात्रा के दौरान मैंने हर किसी का दर्द जानने की कोशिश की. मेरे दिल में उस समय अहंकार था, भारत ने उसे मिटा दिया."
राहुल गांधी ने कहा कि कुछ दिन पहले मैं मणिपुर गया था. हमारे प्रधानमंत्री आज तक (मणिपुर) नहीं गए, क्योंकि उनके लिए मणिपुर हिन्दुस्तान नहीं है. मैं जब मणिपुर गया, तो महिलाओं से पूछा क्या हुआ, तो बताई मेरे छोटे से बच्चे को गोली मारी है. मैं पूरी रात उसके लाश के साथ लेटी रही. डर लगा घर छोड़ दिया. साथ लेकर कुछ नहीं आई. दूसरे कैम्प में एक और महिला से पूछा- क्या हुआ तुम्हारे साथ, वैसे ही वह कांपने लगी और बेहोश हो गई. यह सिर्फ दो उदाहरण हैं.
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