'रंज है कि असंयत भाषा इस्तेमाल की, जबकि...' : ब्यूरोक्रेसी पर दिए विवादित बयान पर उमा भारती की सफाई

उमा भारती ने कहा था कि सब फालतू की बातें हैं, ब्यूरोक्रेसी घुमाती है. घुमा ही नहीं सकती, उनकी औकात क्या है. हम उन्हें तनख्वाह दे रहे हैं, हम उन्हें पोस्टिंग दे रहे हैं, हम उन्हें प्रमोशन और डिमोशन दे रहे हैं.

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उमा भारती ने अब ब्यूरोक्रेसी के समर्थन में दिया बयान. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

बीजेपी की वरिष्ठ नेता और मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती (Uma Bharti) ने ब्यूरोक्रेसी पर दिए बयान पर अब सफाई दी है. उन्होंने ब्यूरोक्रेसी (Bureaucracy) यानी नौकरशाही को चप्पल उठाने वाली बताया था. बयान का वीडियो वायरल होने के बाद उमा भारती ने कई ट्वीट किए हैं. उन्होंने ट्वीट में लिखा कि मुझे रंज है की , मैंने असंयत भाषा का इस्तेमाल किया, जबकि मेरे भाव अच्छे थे. मैंने आज से यह सबक़ सीखा की सीमित लोगों के बीच अनौपचारिक बातचीत में भी संयत भाषा का प्रयोग करना चाहिये.

उमा भारती ने ब्यूरोक्रेसी पर दिए बयान पर कहा कि जबकी सच्चाई यह है की ईमानदार ब्यूरोक्रेसी सत्ता में बैठे हुए मज़बूत, सच्चे एवं नेक इरादे वाले नेता का साथ देती हैं. यही मेरा अनुभव है. हम नेताओ में से कुछ सत्ता में बैठे निक्कमे नेता अपने निकम्मेपन से बचने के लिये ब्यूरोक्रेसी की आड़ ले लेते हैं की “हम तो बहुत अच्छे हैं लेकिन ब्यूरोक्रेसी हमारे अच्छे काम नहीं होने देती.”

उमा भारती ने मीडिया का आभार जताते हुए कहा कि मैं मीडिया की आभारी हूं की उन्होंने मेरा पूरा ही विडीयो दिखा दिया क्योंकि मैं तो ब्यूरोक्रेसी के बचाव में ही बोल रही थी. परसों भोपाल में मेरे निवास पर पिछड़े वर्गों का एक प्रतिनिधिमण्डल मुझे मिला. यह मुलाक़ात औपचारिक नही थी. उस पूरी बातचीत का विडीयो मीडिया में वायरल हुआ है.

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