कोरोना संकट के लिए कितनी तैयार देश की स्वास्थ्य सुविधाएं? 27 को मॉक ड्रिल, आपात स्थिति पर फोकस

कोरोना (COVID) के कारण चीन समेत पांच देशों से आने वाले यात्रियों के लिए आरटी-पीसीआर जांच अनिवार्य कर दी गई है. आरटी-पीसीआर परीक्षण चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, हांगकांग और थाईलैंड से अंतरराष्ट्रीय आगमन के लिए अनिवार्य है.

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केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय 27 दिसंबर को देश की स्वास्थ्य सुविधाओं का पता लगाने के लिए मॉक ड्रिल करेगी.
नई दिल्ली:

कोरोना (COVID) एक बार फिर खौफ का सबब बन रहा है. चीन सहित कई देशों में कोरोना संक्रमण में वृद्धि के कारण भारत में भी उसकी आहट सुनाई पड़ रही है. इसी कारण केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने 27 दिसंबर को देश की स्वास्थ्य सुविधाओं (Health Facilities) का पता लगाने के लिए मॉक ड्रिल आयोजित करने का निर्णय लिया है. यह मॉक ड्रिल साधारण न होकर असाधारण होने वाला है. इसमें देश के प्रत्येक जिले की स्वास्थ्य सुविधाओं के बारे में जानकारी एकत्रित की जाएगी.   

स्वास्थ्य सचिव ने लिखी चिट्ठी
24 दिसंबर को स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण द्वारा विधिवत हस्ताक्षरित एक पत्र में, मंत्रालय ने कहा कि यह आवश्यक है कि सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में किसी भी आपात स्थिति को संभालने के लिए आवश्यक सार्वजनिक स्वास्थ्य उपाय किए जाएं. साथ ही कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी होने पर चिकत्सकीय ​​​​देखभाल की जरूरतों को पूरा किया जा सके. मंत्रालय ने कहा, "इसलिए मंगलवार, 27 दिसंबर 2022 को देश भर में सभी स्वास्थ्य सुविधाओं (खासतौर पर कोरोना से संबंधित) पर मॉक ड्रिल आयोजित करने का निर्णय लिया गया है.

बेड से लेकर डॉक्टर और नर्स तक का होगा आकलन
मॉक ड्रिल के दौरान आइसोलेशन, ऑक्सीजन और आईसीयू बेड क्षमता का आकलन खास तौर पर किया जाएगा. सभी जिलों की भौगोलिक स्थितियों को देखते हुए स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता, बिस्तर की क्षमता, आइसोलेशन बेड, ऑक्सीजन-समर्थित आइसोलेशन बेड, आईसीयू बेड और वेंटिलेटर-समर्थित बेड का आकलन किया जाएगा. मानव संसाधनों की उपलब्धता पर भी ध्यान दिया जाएगा. इसमें डॉक्टर, नर्स और पैरामेडिक्स शामिल हैं. आयुष डॉक्टर, आशा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता आदि सहित अन्य फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं पर भी फोकस रहेगा. 

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दवा, रसद, एंबुलेंस से लेकर आरएटी किट तक जांचे जाएंगे
मानव संसाधन क्षमता में प्रशिक्षित हेल्थकेयर पेशेवर, गंभीर मामलों के लिए वेंटिलेटर प्रबंधन प्रोटोकॉल में प्रशिक्षित हेल्थकेयर पेशेवर, पीएसए संयंत्रों के संचालन में प्रशिक्षित स्वास्थ्य कार्यकर्ता आदि रहेंगे. रेफरल सेवाओं में उन्नत और बुनियादी जीवन समर्थन (एएलएस/बीएलएस) की उपलब्धता ) एंबुलेंस, अन्य एंबुलेंस की उपलब्धता (पीपीपी मोड के तहत या गैर सरकारी संगठनों के साथ), कार्यात्मक एम्बुलेंस कॉल सेंटर की उपलब्धता को भी परखा जाएगा. परीक्षण क्षमता और आरटी-पीसीआर और आरएटी किट की उपलब्धता को बढ़ावा देना, परीक्षण उपकरण और अभिकर्मकों की उपलब्धता पर भी ध्यान दिया जाएगा. रसद की उपलब्धता, आवश्यक दवाओं की उपलब्धता, वेंटिलेटर, बीआईपीएपी, एसपीओ2 सिस्टम, पीपीई किट, एन-95 मास्क आदि को भी देखा जाएगा. मेडिकल ऑक्सीजन में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स, ऑक्सीजन सिलेंडर, पीएसए प्लांट्स, लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन स्टोरेज टैंक, मेडिकल गैस पाइपलाइन सिस्टम आदि को भी देखा जाएगा.

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जिला कलेक्टरों व जिला मजिस्ट्रेटों के मार्गदर्शन में होगी मॉक ड्रिल
मंत्रालय ने बताया कि मॉक ड्रिल संबंधित जिला कलेक्टरों, जिला मजिस्ट्रेटों के मार्गदर्शन में राज्य/केंद्र शासित प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ गहन परामर्श से आयोजित की जा सकती है. इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने शनिवार को ऐलान किया था कि चीन समेत पांच देशों से आने वाले यात्रियों के लिए आरटी-पीसीआर जांच अनिवार्य कर दी गई है. आरटी-पीसीआर परीक्षण चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, हांगकांग और थाईलैंड से अंतरराष्ट्रीय आगमन के लिए अनिवार्य है. आगमन पर, यदि इन देशों के किसी भी यात्री में कोविड -19 का लक्षण पाया जाता है तो उसे quarantine किया जाएगा.

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"सहयोग की भावना" में काम करने की आवश्यकता
स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया ने एएनआई से बातचीत में कहा कि इन एशियाई देशों से आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए वर्तमान स्वास्थ्य स्थिति घोषित करने के लिए एयर सुविधा फॉर्म भरना भी अनिवार्य किया जाएगा. विश्व स्तर पर COVID के बढ़ते मामलों पर ध्यान देते हुए, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र और राज्यों को "मिलकर" और "सहयोग की भावना" में काम करने की आवश्यकता है, जैसा कि पिछले कोरोना वेव के दौरान किया गया था. मंडाविया ने राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों, प्रधान सचिवों, अतिरिक्त मुख्य सचिवों और सूचना आयुक्तों के साथ शुक्रवार को एक वर्चुअल बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि देश को सतर्क रहने और कोविड प्रबंधन के लिए पूरी तरह से तैयार रहने की जरूरत है. 

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