तमिलनाडु में कैसे एक जांच एजेंसी अधिकारी ने डॉक्टर से वसूले 40 लाख रुपये?

तमिलनाडु पुलिस की ओर से दर्ज की गई एफआईआर में गिरफ्तार ईडी अधिकारी अंकित तिवारी की जबरन वसूली रैकेट में भूमिका का विस्तार से ब्यौरा दिया गया है

Advertisement
Read Time: 24 mins
चेन्नई:

पुलिस ने एक शिकायत की जांच के बाद खुलासा किया है कि तमिलनाडु में गिरफ्तार प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) का एक अधिकारी कथित तौर पर जबरन वसूली करने वाले रैकेट में शामिल था. यह पहली बार है जब तमिलनाडु में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के किसी अधिकारी को गिरफ्तार किया गया है. तमिलनाडु पुलिस की ओर से दर्ज की गई एफआईआर में गिरफ्तार ईडी अधिकारी अंकित तिवारी की जबरन वसूली रैकेट में भूमिका का विस्तार से ब्यौरा दिया गया है.

अंकित तिवारी फर्जी नाम हार्दिक का उपयोग करके राज्य सरकार के कर्मचारियों को व्हाट्सऐप पर मैसेज भेजता था. शिकायतकर्ता डॉ सुरेश बाबू के अनुसार, वह इन संदेशों में रिश्वत की मांग करता था. डॉ सुरेश बाबू ने उसे 40 लाख रुपये दिए थे.

शिकायत में कहा गया है कि राजमार्ग पर अक्सर अवैध लेनदेन होता है. मदुरै की यात्रा के दौरान डॉ बाबू की मुलाकात डॉ संतोष से हुई. इस यात्रा के दौरान ही बातचीत हुई. नवंबर में रिश्वत की पहली किस्त के रूप में 20 लाख रुपये नगद दिए गए. अंकित तिवारी ने पैसे अपने बूट में रखने के लिए कहा, जिसे सरकारी डॉक्टर का कहना है कि उसने यह डैश कैम द्वारा रिकॉर्ड किया था. दूसरी किस्त भी उन्हें इसी तरह राजमार्ग पर दी गई थी. इसी के बाद तमिलनाडु के सतर्कता अधिकारियों ने कथित रिश्वत की रकम बरामद करने के लिए तिवारी की कार का पीछा किया था.

Advertisement

सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय के अनुसार तिवारी ने मूल रूप से एक मामले में "कानूनी कार्रवाई को टालने" के लिए तीन करोड़ रुपये की मांग की थी. उन्होंने 29 अक्टूबर को डॉक्टर से संपर्क किया था. उसने दावा किया था कि वह प्रधानमंत्री कार्यालय के निर्देशों पर काम कर रहा है. उसने उन्हें एजेंसी के मदुरै कार्यालय में बुलाया. जब डॉ बाबू आए तो तिवारी ने उनसे बात की और तीन करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी. बाद में उन्होंने राशि यह दावा करते हुए घटाकर 51 लाख रुपये कर दी कि उन्होंने "अपने वरिष्ठों से बात की है."

Advertisement

इस मामले में अब तक न तो अंकित तिवारी और न ही उनके वकीलों ने कोई टिप्पणी की है.

राज्य पुलिस का पांच जिला कलेक्टरों को सम्मन जारी करने पर प्रवर्तन निदेशालय के साथ विवाद चल रहा है. यह सम्मन अवैध रेत खनन से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के संबंध में हैं.

Advertisement

पुलिस अब जांच कर रही है कि क्या अंकित तिवारी ने अन्य लोगों को भी धमकाया था और उनसे बड़ी रकम ऐंठी थी? और क्या मदुरै और चेन्नई में अन्य अधिकारियों के साथ उसकी सांठगांठ थी?

Advertisement

राजस्थान में भी एक ईडी अधिकारी की गिरफ्तारी के बाद विपक्ष को केंद्र पर हमला करने के लिए हथियार मिल गया है. विपक्ष आरोप लगाता रहा है कि केंद्र विपक्ष शासित राज्यों पर हमला करने के लिए जांच एजेंसी का इस्तेमाल कर रहा है.

यह भी पढ़ें-

तमिलनाडु पुलिस ने कार का पीछा करके ED अफसर को किया गिरफ्तार

Featured Video Of The Day
Hokato Sema Story: जंग के मैदान से लेकर पैरालंपिक कांस्य पदक तक, होकातो सेमा के संघर्ष की कहानी
Topics mentioned in this article