हिंडनबर्ग की रिपोर्ट 'हिट एंड रन' जॉब की एक और मिसाल : किशोर सुब्रमण्यन

फाइनेंशियल एक्सपर्ट किशोर सुब्रमण्यन ने दावा किया कि यह रिपोर्ट बेबुनियाद और निराधार है. उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट में कोई ठोस सबूत नहीं है. यह सिर्फ अफवाहें और अटकलें हैं.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
फाइनेंशियल एक्सपर्ट किशोर सुब्रमण्यन.
नई दिल्ली:

हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट पर प्रतिक्रियाओं का दौर जारी है. फाइनेंशियल एक्सपर्ट किशोर सुब्रमण्यन ने रविवार को दावा किया कि यह रिपोर्ट बेबुनियाद और निराधार है. उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट में कोई ठोस सबूत नहीं है. यह सिर्फ अफवाहें और अटकलें हैं.

किशोर सुब्रमण्यन ने कहा कि इस रिपोर्ट में कोई ठोस और मजबूत सबूत नहीं है, इसमें बेबुनियाद आरोप लगाए गए हैं. इस रिपोर्ट में कई ऐसे अंग्रेजी के शब्द प्रयोग किए गए हैं, जिसका मतलब है, 'शायद', 'हम सोचते हैं', 'हमें लगता है', 'शायद ऐसा हो सकता है.' इस रिपोर्ट को पढ़ने के बाद यह साफ हो गया कि हिंडनबर्ग की ओर से यह एक और 'हिट एंड रन जॉब' है. एक बुनियादी रिपोर्ट पेश किया गया है. इसका कोई ठोस सबूत नहीं है. इस रिपोर्ट में कोई सच्चाई नहीं है.

उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट को पढ़ने वाला हर कोई यह जान गया है कि इस रिपोर्ट में कोई ठोस सबूत नहीं हैं. पहले भी ऐसे ही आरोप लगे थे, जिसमें हिंडनबर्ग ने बहुत पैसा कमाया था. अगर हम ऐसी रिपोर्ट पर भरोसा करके अपने 'इन्वेस्टेड स्टॉक मार्केट' के पैसे को गिराना चाहते हैं तो यह हमारी मर्जी है. मगर, मेरा यह मानना है कि हमें ऐसी रिपोर्ट के ऊपर नहीं जाना चाहिए, इस तरह की रिपोर्ट पर हमें भरोसा नहीं करना चाहिए. अगर सेबी या सुप्रीम कोर्ट इस पर कार्रवाई करना चाहती है तो करे.

Advertisement

किशोर सुब्रमण्यन ने आगे कहा कि पिछली बार सुप्रीम कोर्ट ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर कहा था कि सेबी के पास न कोई सबूत था और न कोई प्रूफ था. हिंडनबर्ग का एक ही मकसद है कि हम इस खबर को फैलाएं, लोगों में डर बैठाकर मार्केट को गिराएं. इसलिए, मैं कहता हूं कि रिपोर्ट को सही से पढ़िए और फिर फैसला लीजिए.

Advertisement

इससे पहले अदाणी ग्रुप ने भी हिंडनबर्ग के आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि यह व्यक्तिगत लाभ के लिए पूर्व निर्धारित निष्कर्षों पर पहुंचने के लिए सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारी का दुर्भावनापूर्ण, शरारती और चालाकीपूर्ण चयन है.

Advertisement

एक्सचेंज फाइलिंग में ग्रुप ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया और कहा, "यह बदनाम करने के इरादे से किए गए दावों की पुनरावृत्ति है. इन दावों की गहन जांच की गई है और जनवरी 2024 में माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा इन्हें खारिज किया जा चुका है."

Advertisement

अदाणी ग्रुप ने आगे कहा, "बदनाम शॉर्ट-सेलर फर्म कई भारतीय प्रतिभूति कानूनों का उल्लंघन करने के कारण जांच के दायरे में है. हिंडनबर्ग के आरोप भारतीय कानूनों के प्रति पूरी तरह से अवमानना ​​करने वाली एक हताश इकाई द्वारा फैलाई गई अफवाह से ज्यादा कुछ नहीं है.

यह भी पढ़ें-

कांग्रेस की दिलचस्पी अराजकता और विवादों में : सिंधिया ने हिंडनबर्ग विवाद पर कहा

हिंडनबर्ग और कांग्रेस एक ही विचार पर काम कर रहे, इनकी मंशा है अस्थिरता पैदा करना : प्रकाश जावड़ेकर

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Jaipur Blast Case में 4 Terrorists को उम्रकैद! 2008 के नौवे बम से बची थी सैकड़ों जानें | BREAKING
Topics mentioned in this article