तेलंगाना हाईकोर्ट ने राज्य में विधायकों की खरीद-फरोख्त का मामला सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया है. इसके साथ ही HC ने राजनीतिक रूप से संवेदनशील मामले की जांच कर रहे राज्य की ओर से नियुक्त SIT की तफ्तीश पर भी रोक लगा दी है. बीजेपी नेता और एडवोकेट रामचंद्र राव ने मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "हम फैसले का स्वागत करते हैं. "गौरतलब है कि केसीआर के पार्टी के विधायक पायलट रोहित रेड्डी समेत चार विधायकों ने 26 अक्टूबर को तीन लोगों रामचंद्र भारती, नंद कुमार और सिम्हाजी स्वामी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. रेड्डी ने आरोप लगाया कि आरोपितों ने उन्हें 'निष्ठा' बदलने के लिए सौ करोड़ रुपये की पेशकश की थी. भाजपा नेता और अधिवक्ता रामचंद्र राव ने अदालत के फैसले पर कहा है कि हम फैसले का स्वागत करते हैं.
गौरतलब है कि अदालत का फैसला इस घटना के खुलासे के 2 महीने बाद आया है. जिसमें साइबराबाद पुलिस ने चार विधायकों को 100 करोड़ रुपये में 'खरीद' कर सत्तारूढ़ बीआरएस सरकार को गिराने की साजिश का पर्दाफाश करने का दावा किया था. तंदूर विधायक रोहित रेड्डी, जिन्होंने पक्ष बदलने के लिए पैसे की पेशकश करने का दावा किया था, का कहना है कि केंद्रीय एजेंसियों का उपयोग करके उन्हें डराने और धमकाने का प्रयास किया जा रहा है, भले ही यह अब तक एक राज्य द्वारा नियुक्त विशेष जांच दल था जो मामले की जांच कर रहा था.
मुख्यमंत्री केसीआर ने भी आरोप लगाया था कि भाजपा उनकी सरकार को गिराने की कोशिश कर रही थी. वहीं बीजेपी ने आरोप लगाया था कि 'पोचगेट' मामले को तेलंगाना के मुख्यमंत्री द्वारा प्रबंधित किया गया था, साथ ही बीजेपी ने मामले के तीन आरोपियों के साथ किसी भी तरह के संबंध से इनकार किया था.
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