इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर केविन पीटरसन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की. पीएम नरेंद्र मोदी की बांदीपुर टाइगर रिजर्व की यात्रा को लेकर केविन पीटरसन ने एक ट्वीट किया और जानवरों के प्रति उनके प्रेम की सराहना की. पीटरसन ने ट्वीट करते हुए लिखा कि आइकोनिक, एक वर्ल्ड लीडर जो जंगली जानवरों से प्यार करता है और उनके प्राकृतिक घर में उनके साथ समय बिताकर बहुत उत्साहित होते हैं. अपने पिछले जन्मदिन पर उन्होंने भारत में चीतों को जंगल में छोड़ा था. हीरो, नरेंद्र मोदी.
पीटरसन एक पशु संरक्षणवादी हैं जो अपनी चैरिटी, SORAI (Save our Rhino's in Africa and India) के लिए जाने जाते हैं. मार्च में नई दिल्ली में G20 शिखर सम्मेलन के दौरान पीटरसन ने पीएम मोदी से मुलाकात भी की थी.
बता दें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कर्नाटक के बांदीपुर बाघ अभयारण्य में रविवार सुबह जंगल ‘सफारी' का लुफ्त उठाया था. वह ‘प्रोजेक्ट टाइगर' के 50 साल पूरे होने के मौके पर आयोजित कार्यक्रम के सिलसिले में चामराजनगर पहुंचे थे.
पीएम ने इंटरनेशनल बिग कैट अलायंस (आईबीसीए) की शुरुआत करते हुए कहा था कि वन्यजीवों की सुरक्षा एक सार्वभौम मुद्दा है. आईबीसीए को ‘बिग कैट' की प्रजातियों के संरक्षण एवं सुरक्षा के उद्देश्य से शुरू किया गया है. प्रधानमंत्री ने ‘प्रोजेक्ट टाइगर' के 50 साल पूरे होने के अवसर पर कर्नाटक राज्य मुक्त विश्वविद्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में इसकी शुरुआत की.
भारत में 2022 में बाघों की संख्या 3,167 थी. इस आंकड़े का हवाला देते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘‘आज बाघों की जो संख्या है वह दिखाती है कि हमारे यहां इस परिवार के सदस्य बढ़ रहे हैं. यह गर्व का क्षण है.'' उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद लोगों से बाघों की संख्या में वृद्धि पर खुलकर प्रशंसा करने का आह्वान करते हुए कहा, ‘‘मुझे भरोसा है और मैं दुनिया को विश्वास दिलाता हूं कि आने वाले दिनों में इस दिशा में और अधिक हासिल करेंगे.''
आंकड़ों के अनुसार, देश में 2006 में बाघों की संख्या 1411, 2010 में 1706, 2014 में 2,226, 2018 में 2,967 और 2022 में 3,167 थी.
प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘प्रोजेक्ट टाइगर' की सफलता न सिर्फ भारत, बल्कि पूरी दुनिया के लिए गर्व का विषय है. उन्होंने कहा कि भारत ने न सिर्फ बाघों को बचाया है, बल्कि उनकी आबादी बढ़ने के लिए अनुकूल पारिस्थितिकी भी कायम की है. पीएम मोदी ने कहा, ‘‘भारत एक ऐसा देश है जहां प्रकृति की रक्षा करना इसकी संस्कृति का हिस्सा है.''
उन्होंने कहा कि चीते दशकों पहले भारत में विलुप्त हो गए थे. प्रधानमंत्री ने नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से चीतों को भारत लाने की हालिया पहल का जिक्र करते हुए कहा कि यह विदेशों से चीतों का पहला सफल स्थानांतरण था. उन्होंने यह भी बताया कि मध्य प्रदेश के कुनो राष्ट्रीय उद्यान में इन मादा चीतों ने चार शावकों को भी जन्म दिया है.
आईबीसीए का उद्देश्य बाघ और शेर समेत दुनिया की ‘बिग कैट' परिवार की सात प्रमुख प्रजातियों की रक्षा एवं संरक्षण करना है. आईबीसीए ‘बिग कैट्स' प्रजाति के सात पशुओं - बाघ, शेर, तेंदुआ, हिम तेंदुआ, पुमा, जगुआर और चीते के संरक्षण एवं सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करेगा.
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