CM केजरीवाल के आवास के बाहर बीजेपी कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन के दौरान हुई तोड़फोड़ मामले में कोर्ट ने मांगी रिपोर्ट

दिल्ली पुलिस ने उस इलाके में प्रदर्शन करने पर रोक लगा दी है.  मुख्यमंत्री आवास वाली रोड के दोनों छोर पर पुलिस बल युक्त बेरीकेड लगाए हैं. दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि जब राष्ट्रपति भवन के आसपास जब स्थाई तौर पर धारा 144 लगाई जा सकती है तो मुख्यमंत्री के आवास के बाहर धारा 144 क्यों नहीं लगाई जा सकती! 

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सीएम अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर बीजेपी कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन का मामला
नई दिल्ली:

दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के सरकारी आवास के बाहर बीजेपी कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन के दौरान हुई तोड़फोड़ का मामले में  दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को आदेश दिया है कि वो मामले की जांच रिपोर्ट की प्रति मुख्यमंत्री सचिवालय को सीलबंद लिफाफे में सौंपे. अदालत ने अब तक हुई पुलिस कार्रवाई की रिपोर्ट तलब करते हुए मामले की सुनवाई 25 जुलाई तक टाल दी है.

दिल्ली पुलिस की तरफ से ASG संजय जैन ने कहा कि दिल्ली में उत्तर जिले के DCP ने मामले में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की है. हमारा आग्रह है कि रिपोर्ट से संतुष्ट होने पर कोर्ट तो मामले की सुनवाई बंद कर दे. आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने इस पर जोरदार आपत्ति जताते हुए कहा कि इस तरह एकतरफा सुनवाई नहीं की जा सकती. जब हमको कुछ दिया ही नहीं गया है तो हम जवाब कैसे देंगे. दिल्ली पुलिस की तरफ से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल संजय जैन ने कहा कि अब इस मामले में याचिकाकर्ता सौरभ भारद्वाज का कोई फोकस नहीं बचा है. अब मामला कोर्ट और पुलिस के बीच है, कोर्ट ने बीच में टोकते हुए कहा कि यह बहस का मंच नहीं है.

दिल्ली पुलिस ने उस इलाके में प्रदर्शन करने पर रोक लगा दी है.  मुख्यमंत्री आवास वाली रोड के दोनों छोर पर पुलिस बल युक्त बेरीकेड लगाए हैं. दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि जब राष्ट्रपति भवन के आसपास जब स्थाई तौर पर धारा 144 लगाई जा सकती है तो मुख्यमंत्री के आवास के बाहर धारा 144 क्यों नहीं लगाई जा सकती! 

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दिल्ली पुलिस समय-समय पर इसकी अवधि बढ़ाती रहती है. कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पूछा कि आप याचिकाकर्ता को स्टेटस रिपोर्ट की कॉपी क्यों नहीं दे देते? पुलिस ने कहा कि इसमें हमें कोई आपत्ति ही नहीं है. दिल्ली पुलिस ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि यह याचिका तो पब्लिसिटी के दाखिल की गई है, क्योंकि इन्होंने उस घटना की  SIT से  जांच कराने की मांग की थी.

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हाईकोर्ट ने कहा कि यह मुख्यमंत्री की सुरक्षा से जुड़ा हुआ मामला है लिहाजा हम भी नहीं चाहते कि सुरक्षा संबंधी  सभी बातें सार्वजनिक हों इसलिए याचिकाकर्ता को स्टेटस रिपोर्ट देने के बजाए  CM सचिवालय को सीलबंद लिफाफे में दी जाए. याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि पुलिस मूकदर्शक बनी रही और भीड़ ने बैरिकेड तोड़ दिए.  तोड़फोड़ के बाद भी अधिकारियों पर कोई एक्शन नहीं लिया गया बल्कि वीडियो में मौजूद लोगों को सम्मानित किया गया. दिल्ली पुलिस ने बताया कि 8 लोगों को गिरफ्तार किया गया. 28 को नोटिस जारी किया गया, जल्द ही मामले में चार्जशीट दाखिल की जाएगी. दिल्ली हाई कोर्ट ने मामले में दिल्ली पुलिस से अतरिक्त स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है .

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