गुजरात के आईपीएस (IPS) अफसर सतीश चंद्र वर्मा को फिलहाल सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है. सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र के बर्खास्तगी का फैसला लागू करने पर एक हफ्ते के लिए रोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट ने वर्मा को कहा कि इस दौरान वो दिल्ली हाईकोर्ट में बर्खास्तगी के आदेश को चुनौती दे सकते हैं. हाईकोर्ट फिर तय करेगा कि बर्खास्तगी के आदेश पर रोक के आगे बढ़ाना है या नहीं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमने इस केस में मेरिट पर कुछ नहीं कहा है, पक्षकार अपनी दलीलें हाईकोर्ट में रख सकते हैं.
जस्टिस के एम जोसेफ और जस्टिस ह्रषिकेश रॉय की बेंच ने ये फैसला सुनाया है. वर्मा ने केंद्र के बर्खास्तगी के फैसले को चुनौती दी है. इशरत जहां मुठभेड़ मामले की जांच करने के लिए गठित विशेष जांच दल ( SIT) का नेतृत्व करने वाले गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी सतीश चंद्र वर्मा को रिटायरमेंट से पहले ही बर्खास्त कर दिया गया है. सतीश चंद्र वर्मा 30 सितंबर को रिटायर हो रहे हैं.
सरकार ने 30 अगस्त को आदेश जारी कर विभागीय कार्रवाई से संबंधित आधारों पर उन्हें सेवा से बर्खास्त करने का आदेश पारित किया है. सतीश चंद्र वर्मा को सेवा से बर्खास्त करने का आदेश दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष पेश किया गया, जिस पर हाईकोर्ट ने इस आदेश की पालना की भी मंजूरी दे दी थी. वर्मा ने अपने खिलाफ सरकार की ओर से की जा रही अनुशासनात्मक कार्रवाई को चुनौती दी है.
1986 बैच के आईपीएस अधिकारी सतीशचंद्र वर्मा के विरुद्ध जारी विभागीय जांच के चलते उन्हें पदोन्नति नहीं दी गई थी. उनकी फिलहाल की पोस्टिंग तमिलनाडु कोयंबटूर में सीआरपीएफ़ में आईजीपी के पद पर है.
दरअसल इस मामले में केंद्र सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट में आवेदन कर सूचना दी कि सरकार की ओर से सतीशचंद्र वर्मा को 30 अगस्त 2022 के आदेश से बर्खास्त कर दिया है. आवेदन में इस बात का भी उल्लेख किया गया कि दिल्ली हाईकोर्ट की ओर से सरकार को निर्देश दिया गया था कि उनकी ओर से एक साल तक सतीश चंद्र वर्मा के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई पर कोई त्वरित कदम नहीं उठाया जाएं.
इस संबंध में आदेश दिल्ली हाईकोर्ट ने 29 सितंबर 2021 को जारी किया था. केन्द्र सरकार के आवेदन पर दिल्ली हाईकोर्ट ने सरकार को वर्मा को बर्खास्त करने के आदेश की पालना करने की मंजूरी दे दी. सात सितंबर 2022 को दिल्ली हाईकोर्ट की ओर से जारी किए गए निर्देश में केन्द्र सरकार को अनुशासनात्मक कार्रवाई के आदेश की पालना करने यानि वर्मा को सेवा से बर्खास्त करने का फाइनल ऑर्डर पारित करने की इजाजत दे दी है.
हालांकि कोर्ट ने केन्द्र सरकार को यह भी आदेश दिया है कि यह मंजूरी कोर्ट के आदेश तक अंतिम रूप से लागू नहीं होगी. कोर्ट ने केन्द्र सरकार को निर्देश दिया है कि आईपीएस अधिकारी वर्मा को 19 सितंबर तक मोहलत दी जाए, ताकि वह कानून के हिसाब से आदेश के खिलाफ विकल्प देख सकें.