शहीद सैनिकों के परिजनों और परमवीर चक्र विजेताओं को एक-एक करोड़ रुपये देगी गुजरात सरकार

यह घोषणा गुजरात के 500 पूर्व सैनिकों द्वारा सुबह गांधीनगर में अपनी लंबे समय से लंबित मांगों को पूरा करने को लेकर किये गये आंदोलन के बाद हुई.

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मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की पहल पर शहीद सैनिकों के परिजनों को दी गई राशि बढ़ाने का फैसला किया गया है
अहमदाबाद:

गुजरात में आंदोलनकारी पूर्व सैनिकों को मनाने की परोक्ष कोशिश के तहत राज्य सरकार ने सोमवार को शहीद सैनिकों के परिजनों को दिए जाने वाली आर्थिक सहायता को बढ़ाकर एक करोड़ रुपये करने के साथ वीरता पदक विजेताओं के लिए नकद पुरस्कारों में भी बड़ी बढ़ोतरी कर दी. एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि सर्वोच्च सैन्य पुरस्कार परमवीर चक्र विजेता के लिए नकद पुरस्कार को 22,500 रुपये से बढ़ाकर एक करोड़ रुपये कर दिया गया है, जबकि अशोक चक्र से सम्मानित व्यक्ति को 20,000 रुपये के बजाय राज्य सरकार से एक करोड़ रुपये मिलेंगे. विज्ञप्ति में कहा गया है कि सेवा के दौरान शहीद हुए सैनिक की पत्नी या परिवार को दिये जाने वाली आर्थिक सहायता की राशि को मौजूदा एक लाख रुपये से बढ़ाकर एक करोड़ रुपये किया गया है. विज्ञप्ति में यह भी बताया गया कि यह फैसला मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल का है.

यह घोषणा गुजरात के 500 पूर्व सैनिकों द्वारा सुबह गांधीनगर में अपनी लंबे समय से लंबित मांगों को पूरा करने को लेकर किये गये आंदोलन के बाद हुई. इनकी मांगों में शहीद सैनिकों के परिवारों को अधिक मुआवजा देना भी शामिल है.हालांकि, एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता पूर्व सैनिकों की मांगों के अनुरूप है, लेकिन वे चाहते हैं कि सरकार उनकी सभी 14 मांगों को स्वीकार कर ले और एक सरकारी प्रस्ताव (जीआर) जारी करे.

गुजरात पूर्व सैनिक संघ के अध्यक्ष जितेंद्र निमावत ने कहा, ‘‘हमें सरकार द्वारा की गई इस तरह की घोषणा के बारे में पता नहीं है. हम इस पर तभी विश्वास करेंगे जब कोई मंत्री हमसे संपर्क करेगा और हमें बताएगा कि सरकार ने हमारी मांगों पर क्या फैसला किया है. हम चाहते हैं कि सरकार जीआर जारी करे.''राज्य सरकार द्वारा जारी विज्ञप्ति में यह भी बताया गया है कि शहीद सैनिक की विधवा को वर्तमान में दिए जाने वाले 1,000 रुपये के मासिक आर्थिक सहायता को बढ़ाकर 5,000 रुपये कर दिया गया है. इसी तरह, शहीद के प्रत्येक बच्चे, अधिकतम दो बच्चे, को अब अपनी पढ़ाई पूरी करने या 25 वर्ष की उम्र तक 500 रुपये के बजाय 5,000 रुपये की मासिक सहायता मिलेगी.

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राज्य सरकार अभी तक अविवाहित शहीद के माता-पिता को एकमुश्त मुआवजे के रूप में 50,000 रुपये और प्रत्येक माता-पिता को 500 रुपये की मासिक सहायता का भुगतान करती थी. विज्ञप्ति के मुताबिक अब, माता-पिता को एकमुश्त सहायता के रूप में पांच लाख रुपये और उनमें से प्रत्येक के लिए मासिक सहायता के रूप में 5,000 रुपये मिलेंगे.विज्ञप्ति में कहा गया है कि आईएएस अधिकारियों की एक उच्च स्तरीय समिति पूर्व सैनिकों की अन्य मांगों पर चर्चा करेगी और अंतिम निर्णय के लिए अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपेगी. गुजरात दौरे पर आए आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि राज्य सरकार का यह कदम इस तरह के उनके वादे के बाद उठाया गया. केजरीवाल ने कहा कि उन्होंने दो महीने की राज्य यात्रा के दौरान विरोध कर रहे पूर्व सैनिकों से इसी तरह का वादा किया था. केजरीवाल ने मांग की कि गुजरात सरकार शहीद पुलिसकर्मियों को भी इसमें शामिल करे, जैसा कि उन्होंने दिल्ली में किया है.

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उन्होंने कहा कि गुजरात सरकार पिछले पांच वर्षों के दौरान शहीद हुए राज्य के सैनिकों के परिजनों को एक-एक करोड़ रुपये का मुआवजा दे, ताकि जनता को यह विश्वास दिलाया जा सके कि सरकार वास्तव में ऐसा करने के लिए तैयार है. केजरीवाल ने कहा कि अगर राज्य सरकार ऐसा करने में विफल रहती है, तो हम सरकार बनाने के बाद भुगतान करना शुरू कर देंगे. अहमदाबाद में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने आरोप लगाया कि गुजरात सरकार उस मुआवजे का भुगतान करने का इरादा नहीं रखती है, जिसका उसने पहले वादा किया था.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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