प्रधानमंत्री रोजगार गारंटी योजना (पीएमआरजीपी) के नाम पर लोन देने का झांसा देकर बेगुनाहों को ठगने वाले गिरोह का पुलिस ने पर्दाफाश किया है और इस मामले में 25 महिलाओं सहित 28 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. ये गिरफ्तारी रोहिणी जिला पुलिस ने की है. रोहिणी जिले के डीसीपी प्रणव तायल के मुताबिक रोहिणी की रहने वाली मुन्नी देवी ने शिकायत देकर बताया कि उन्हें एक सतीश का फोन आया जिसने अपना परिचय बैंक कर्मचारी के रूप में दिया. उसने पीएमआरजीपी के तहत 6 लाख रुपये का लोन देने की पेशकश की. योजना के अनुसार लोन में दिए गए 5 लाख रुपये लौटाए जाने थे. जबकि 1 लाख सब्सिडी के रूप में बताए गए थे. आरोपी ने उसे इस लोन ऑफर के लिए 21,500 रुपये ट्रांसफर करने के लिए कहा.
पीड़ित उसके जाल में फंस गई और ठग सतीश द्वारा उपलब्ध कराए गए आरबीएल बैंक खाते में 21,500 रुपये ट्रांसफर कर दिए. बाद में आरोपी ने पीड़ित का फोन उठाना बंद कर दिया. पुलिस ने इस मामले में बुद्ध विहार थाने में केस दर्ज किया.
ये भी पढ़ें- दिल्ली: मास्क नहीं लगाने पर पुलिस ने रोका तो व्यक्ति ने किया दुर्व्यवहार, चलाई गोली
पुलिस ने शिकायतकर्ता के साथ-साथ आरोपी के बैंक खातों के डिटेल्स पता की. जांच में पता चला कि ठगी का पैसा सतीश कुमार के खाते से शुभन खान के यूपीआई खाते में ट्रांसफर कर दिया गया था. 11 जनवरी को पुलिस ने महेंद्र पार्क थाना क्षेत्र में छापेमारी की, जहां से कॉल सेंटर का पता चला. इस कॉल सेंटर में 25 महिलाओं सहित कुल 28 लोग काम करते पाए गए. कॉल सेंटर चलाने वालों में योगेश मिश्रा, सुनीता शर्मा ,सुशील भारती और विजय भारती प्रमुख थे,सभी 28 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है.
पूछताछ में पता चला है कि आरोपियों का गिरोह टेलीकॉलिंग के जरिए पीएमआरजीपी के तहत कर्ज की पेशकश करता था. वे ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से ठगी करते थे. गिरोह ने पिछले 2 वर्षों में 1000 से अधिक लोगों को ठगा है और बड़े पैमाने पर पैसा कमाया है.