'33% टैक्स तो वसूली है', पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों पर NDTV से बोले पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम

चिदंबरम ने बताया कि यदि कोई उपभोक्‍ता पेट्रोल के लिए 102 रुपये प्रति लीटर का भुगतान करता है तो इसमें से 42 रुपये तेल कंपनियों, 33 रुपये केंद्र सरकार, 24 रुपये राज्‍य सरकारों के टैक्‍स के रूप में जाते हैं. वहीं 4 रुपये डीलर के पास भी जाते हैं.

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चिदंबरम ने पीएम मोदी के नेतृत्‍व वाली सरकार को 'सबसे लालची' सरकार बताया है. (फाइल)
नई दिल्ली:

देश में ईंधन की बढ़ती कीमतों (Increase Fuel Price) को लेकर पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ( Former Finance Minister P Chidambaram) ने कहा कि केंद्र सरकार (Central Government) द्वारा टैक्‍स के जरिये पेट्रोल और डीजल (Petrol and Diesel Price) के दामों को बढ़ाना उपभोक्‍ताओं से जबरन वसूली है. NDTV को दिए एक इंटरव्‍यू में चिदंबरम ने कहा, "पेट्रोल की कीमत का एक तिहाई जो उपभोक्ता भुगतान करते हैं, केंद्र सरकार का टैक्‍स है. इसलिए, किसी भी वस्तु पर 33 प्रतिशत टैक्‍स लगाना जबरन वसूली है."

चिदंबरम ने ईंधन की कीमतों का विवरण देते हुए समझाया कि यदि कोई उपभोक्ता पेट्रोल के लिए 102 रुपये प्रति लीटर का भुगतान करता है तो इसमें से 42 रुपये तेल कंपनियों के पास जाता है. जिसमें कच्चे तेल का प्रसंस्करण भी शामिल है. 33 रुपये केंद्र सरकार के पास और 24 रुपये राज्‍य सरकारों के टैक्‍स के रूप में जाते हैं. इसके साथ ही 4 रुपये डीलर के पास जाते हैं. पूर्व वित्त मंत्री ने कहा,''102 रुपये में से 33 रुपये लगभग 33 फीसद होता है. मेरे अनुसार यह जबरन वसूली है. 

शीर्ष राजनेता की टिप्पणी ऐसे वक्‍त में आई है, जब देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ रही हैं, जो वैश्विक स्‍तर पर कच्चे तेल की दरों में बढ़ोतरी से प्रेरित हैं. यात्रा प्रतिबंधों में ढील और बढ़ती मांग के कारण आज 85 डॉलर प्रति बैरल के साथ तीन साल के उच्च स्तर पर पहुंच गईं. 

वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में उछाल के बाद शुक्रवार, 16 अक्टूबर को पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि जारी रही. इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में पेट्रोल और डीजल की दरें 35 पैसे उछलकर 105.49 रुपये और डीजल क्रमशः 94.22 रुपये प्रति लीटर पहुंच चुका है. 

चिदंबरम ने पीएम मोदी के नेतृत्‍व वाली सरकार को 'सबसे लालची' सरकार बताते हुए कहा कि प्रगतिशील करों को बढ़ाया जाना चाहिए और केंद्र को अपने खर्च की वसूली के लिए राजस्व के एक ही स्रोत पर निर्भर रहना बंद कर देना चाहिए. चिदंबरम ने दावा किया, ''पेट्रोल और डीजल पर टैक्‍स पीछे धकेलने वाला है क्योंकि एक अमीर व्यक्ति और एक गरीब व्यक्ति द्वारा ईंधन पर चुकाए गए टैक्‍स की राशि समान होती है.''

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