सुप्रीम कोर्ट ने फर्जी प्रमाण पत्र घोटाला मामले की सीबीआई जांच के संबंध में कलकत्ता हाईकोर्ट की दो पीठों द्वारा पारित आदेशों का स्वत: संज्ञान लिया है. सीजेआई (CJI) डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई में 5 वरिष्ठ जजों की बेंच शनिवार को इस मामले की सुनवाई करेगी.
सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट के 24 जनवरी के आदेश पर स्वत: संज्ञान लिया है. जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने बुधवार सुबह एक आदेश पारित कर पश्चिम बंगाल पुलिस से मामले से संबंधित दस्तावेज सीबीआई को सौंपने को कहा था. उसी दिन दो जजों की डिवीजन ने उक्त आदेश पर रोक लगा दी थी.
रोक के बावजूद, एकल न्यायाधीश पीठ ने बुधवार दोपहर को मामले के कागजात सीबीआई को सौंपने की अनुमति दे दी. साथ ही एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने डिविजन बेंच की अध्यक्षता कर रहे जस्टिस सौमेन सेन पर आरोप लगा दिया.
गुरुवार देर रात अपलोड किए गए फर्जी जाति प्रमाण पत्र से जुड़े मामले में पारित अपने आदेश में जस्टिस गंगोपाध्याय ने कहा, "जस्टिस सेन स्पष्ट रूप से इस राज्य में कुछ राजनीतिक दल के लिए काम कर रहे हैं. इसलिए, यदि माननीय सर्वोच्च न्यायालय ऐसा सोचता है तो राज्य से जुड़े मामलों में पारित आदेशों को फिर से देखने की आवश्यकता है."
जस्टिस गंगोपाध्याय ने कहा, "जस्टिस सेन ने आज जो किया है, वह इस राज्य में सत्ता में कुछ राजनीतिक दल को बचाने के लिए अपने व्यक्तिगत हित को आगे बढ़ाने के लिए है. इसलिए, उनके कार्य स्पष्ट रूप से कदाचार के समान हैं."