"कट्टरपंथ को नियंत्रित करने की ज़रूरत...", उदयपुर हत्याकांड पर बोले असदुद्दीन ओवैसी

राजस्थान के उदयपुर में टेलर कन्हैया लाल साहू की हत्या के मुद्दे पर एनडीटीवी के साथ बात करते हुए AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने मंगलवार को कहा कि हर हिंसा की निंदा की जानी चाहिए.

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ओवैसी ने कहा कि बिना किसी 'किंतु' 'परंतु' के इस घटना की निंदा की जानी चाहिए.

नई दिल्ली:

राजस्थान के उदयपुर में टेलर कन्हैया लाल साहू की हत्या के मुद्दे पर एनडीटीवी के साथ बात करते हुए AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने मंगलवार को कहा कि हर हिंसा की निंदा की जानी चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि "कट्टरपंथ को नियंत्रित करने की जरूरत है."हैदराबाद से सांसद ने कहा कि मैं उस गरीब दर्जी के साथ उदयपुर में जो हुआ उसकी निंदा करता हूं.लेकिन साथ ही राजस्थान में कुछ साल पहले जयपुर में जो हुआ था उसकी भी निंदा की जानी चाहिए. कट्टरता को नियंत्रित करना होगा. इसलिए मैंने मांग की कि हमारे देश में हो रहे कट्टरपंथ पर नजर रखने के लिए गृह मंत्रालय में एंटी-रेडिकलाइजेशन सेल हर धर्म के लिए होना चाहिए न कि केवल एक विशेष धर्म के लिए.

ओवैसी ने कहा कि बिना किसी 'किंतु' 'परंतु' के इस घटना की निंदा की जानी चाहिए.किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने और इस तरह की बकवास करने का अधिकार नहीं है. खबरों के मुताबिक, उदयपुर शहर के धानमंडी थाना क्षेत्र के मालदास स्ट्रीट में उस समय सनसनी फैल गई, जब दो से तीन लोगों ने एक युवक की दिनदहाडे हत्या कर दी. दिनदहाड़े हुई इस घटना के बाद धानमंडी और घंटाघर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को एमबी हॉस्पिटल की मोर्चरी में रखवाया.

जानकारी के अनुसार, मृतक कन्हैयालाल के आठ साल के बेटे ने उसके मोबाइल से नुपुर शर्मा के समर्थन में सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दी थी. हांलाकि इसके बाद धानमंडी थाना पुलिस ने कन्हैयालाल को गिरफ्तार किया था. इसके बावजूद समुदाय विशेष के लोग कन्हैयालाल को लगातार धमकी दे रहे थे और मंगलवार को मौका पाकर धारधार हथियार से हमला कर हत्या कर दी.

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कुछ दिनों पहले नुपुर शर्मा की ओर से की गई टिप्पणी के बाद पूरे देश में विवाद उपजा था. यहां पर भी समुदाय विशेष में आक्रोश था. उसी बीच कन्हैयालाल के बेटे ने एक पोस्ट कर दी. इससे समुदाय विशेष के लोगों ने जान से मारने की धमकी दे दी. लगातार धमकी मिलने के बाद कन्हैयालाल बुरी तरह से डर गया. सूत्रों की मानें तो कन्हैयालाल की गिरफ्तारी के बाद भी हत्या करने वाले आरोपी उसे डराने और जान से मारने के धमकी दे रहे थे. कन्हैयालाल ने धानमंडी थाना पुलिस को सूचना दी और सुरक्षा महैया करवाने की मांग की.

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