- राहुल गांधी ने हरियाणा में चुनाव आयोग पर वोट चोरी के गंभीर आरोप लगाए और चुनाव की निष्पक्षता पर सवाल उठाए.
- चुनाव आयोग ने राहुल गांधी से पूछा कि कांग्रेस ने वोटर सूची के खिलाफ समय रहते आपत्ति क्यों नहीं जताई.
- चुनाव आयोग ने कहा कि हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों में केवल 22 याचिकाएं हाई कोर्ट में लंबित हैं.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव आयोग पर हरियाणा में वोट चोरी को लेकर कई गंभीर आरोप लगाए. इस पर चुनाव आयोग ने राहुल को करारा जवाब दिया है. सूत्रों के मुताबिक चुनाव आयोग ने पूछा है कि कांग्रेस ने तब आपत्ति क्यों नहीं जताई थी. मतदाता सूची के खिलाफ उसी समय अपील क्यों नहीं दी गई थी.
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राहुल के आरोपों पर चुनाव आयोग का जवाब
चुनाव आयोग के सूत्रों के मुताबिक, 90 विधानसभा सीटों के लिए हाई कोर्ट में वर्तमान में सिर्फ 22 चुनाव याचिकाएं लंबित हैं. इसके साथ ही उन्होंने ये भी पूछा कि कांग्रेस के पोलिंग एजेंट मतदान केंद्रों पर क्या कर रहे थे. उन्होंने तभी अपत्ति क्यों नहीं जताई. जबकि उनको तो तभी आपत्ति जताई चाहिए थी, जब वोटर ने मतदान किया हो या पोलिंग एजेंट को वोटर की पहचान पर शक हो. ये भी पूछा गया है कि क्या राहुल गांधी SIR का समर्थन कर रहे हैं या इसका विरोध कर रहे हैं.
चुनाव आयोग पर क्या है राहुल गांधी का आरोप?
राहुल गांधी का आरोप है कि हरियाणा में चुनाव नहीं हुआ बल्कि वहां चोरी की गई. उन्होंने कहा कि आप समझ सकते हैं कि ऐसा किसने किया.चुनाव आयुक्तों ने ये पक्का किया कि हरियाणा में कांग्रेस की वापसी नहीं हो पाए. राहुल ने दावा किया कि जो भी डेटा उन्होंने यहां यूज किया है वह सीधे चुनाव आयोग से आया है. उन्होंने भारतीय लोकतंत्र की वास्तविकता से सामना करा दिया है.
25 लाख वोट चोरी का आरोप
राहुल गांधी ने आरोप लगया कि हरियाणा में पांच कैटेगरी में 25 लाख वोट चोरी हुई. उन्होंने कैटेगरी वाइज इसके आंकड़े बताते हुए कहा कि 5 लाख 21 हजार से ज्यादा डुप्लीकेट वोटर मिले हैं. राज्य में कुल मिलाकर 2 करोड़ वोटर हैं. 25 लाख वोट चोरी का मतलब है कि हर 8 में से एक वोटर फेक था. इसी वजह से वहां कांग्रेस हार गई.
बिहार में भी ऐसा हो सकता है
राहुल का कहना है कि ऐसा बिहार में भी हो सकता है. कांग्रेस नेता ने जमुई जिले, धरमपुर, इस्लामनगर ब्लॉक के कुछ लोगों को मंच पर बुलाकर कहा कि बिहार में भी कुछ लोगों के नाम काटे गए हैं. इस पर एक शख्स ने कहा कि हमारे साथ सरकार ऐसा कर रही है कि कहने लायक नहीं, पूरे परिवार का वोटर लिस्ट से नाम हटा दिया गया है. रवि नाम के शख्स ने दावा किया कि उनके गांव में वोटर लिस्ट से 187 लोगों के नाम काटे गए. 150 नए वोटर जुड़ने थे, लेकिन नहीं जुड़े.













