भारत के आठ समुद्र तटों को मिला ‘ब्लू फ्लैग’, जावड़ेकर ने गर्व का क्षण बताया

भारत के आठ समुद्र तटों को सुरक्षा, साफ-सफाई और जागरूकता के लिए ब्लू फ्लैग (Blue Flag)  सर्टिफिकेट मिला है. पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इसे गर्व का क्षण बताया है.

भारत के आठ समुद्र तटों को मिला ‘ब्लू फ्लैग’, जावड़ेकर ने गर्व का क्षण बताया

भारत के आठ समुद्री तटों को सफाई और सुरक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिली (फाइल फोटो)

खास बातें

  • सुरक्षा, पर्यावरण और साफ-सफाई के लिए मिलती है ब्लू फ्लैग की मान्यता
  • डेनमार्क की एक संस्था की ओर से दिया जाता है ब्लू फ्लैग
  • ब्लू फ्लैग पाने वाले गुजरात, केरल, कर्नाटक के तट शामिल
नई दिल्ली:

भारत के आठ समुद्र तटों को सुरक्षा, साफ-सफाई और जागरूकता के लिए ब्लू फ्लैग (Blue Flag)  सर्टिफिकेट मिला है. पर्यावरण मंत्री (Environment Minister) प्रकाश जावड़ेकर ने इसे गर्व का क्षण बताया है.

‘ब्लू फ्लैग' एक प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय मान्यता है, जो पर्यावरण समेत सभी मानकों पर खरे उतरने वाले समुद्र तटों को दिया जाता है. केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि यह मान्यता भारत के समुद्र तटों के संरक्षण और सतत विकास के प्रयासों को वैश्विक मान्यता है. पांच राज्यों और दो केंद्रशासित प्रदेशों के आठ समुद्री तटों को ‘ब्लू फ्लैग' मिला है.

गुजरात और कर्नाटक के तट शामिल
गुजरात में शिवराजपुर, दीव में घोघला, कर्नाटक में कासरकोड और पदुबद्री, केरल में कप्पाड़, आंध्र प्रदेश में रुशिकोंडा, ओडिशा में गोल्डन और अंडमान और निकोबार का राधानगर समुद्र तट को ब्लू फ्लैग मिला है. सरकार ने 18 सितंबर को इन आठ तटों को प्रतिष्ठित इंटरनेशनल इको-लेबल ब्लू फ्लैग प्रमाणन के लिए प्रस्ताव भेजा था.

डेनमार्क की संस्था देती है मान्यता
ब्लू फ्लैग प्रमाणन डेनमार्क की एक संस्था की ओर से दिया जाता है. इसके लिए चार प्रमुख मानकों के आधारों पर आकलन किया जाता है. इनमें पर्यावरण की शिक्षा एवं सूचना, नहाने के पानी की गुणवत्ता, पर्यावरण प्रबंधन और समुद्र तटों पर संरक्षण, सुरक्षा एवं सेवा शामिल है.

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अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं लगाती हैं मुहर
मंत्रालय ने कहा कि यह प्रमाणन एक अंतरराष्ट्रीय जूरी द्वारा किया जाता है. इसमें संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी), संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन (यूएनडब्ल्यूटीओ), डेनमार्क स्थित एनजीओ फाउंडेशन फॉर एनवायरनमेंटल एजुकेशन (एफईई) और इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (आईयूसीएन) के प्रख्यात सदस्य शामिल होते हैं.



(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)