प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने चिटफंड घोटाले की जांच के सिलसिले में कोलकाता में प्रयाग समूह से जुड़े कई परिसरों पर मंगलवार सुबह छापेमारी शुरू की. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि जिन स्थानों पर छापेमारी की गई उनमें प्रयाग समूह के एक वरिष्ठ अधिकारी की न्यू अलीपुर स्थित एक आवासीय इमारत और उपनगरीय जोका स्थित एक 'गेस्ट हाउस' शामिल हैं. इसके साथ ही ईडी ने आरोपी बासुदेव बागची (पिता) और अविक बागची (बेटा) को मुंबई और कोलकाता से गिरफ्तार कर लिया है.
उन्होंने बताया कि छापेमारी करने वाली ईडी की टीम के साथ केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की एक बड़ी टुकड़ी भी मौजूद थी. प्रयाग ग्रुप का चिटफंड कारोबार पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में फैला हुआ है, जिसमें पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार, असम और त्रिपुरा जैसे राज्य शामिल हैं. आरोप है कि कंपनी ने अवैध योजनाएं चलाकर जनता से 1,900 करोड़ रुपये से अधिक की रकम जुटाई थी.
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 2017 में ओडिशा में दर्ज एक मामले के आधार पर प्रयाग ग्रुप के सीएमडी बासुदेव बागची और उनके बेटे अविक बागची को गिरफ्तार किया था. इनके खिलाफ पहले सीबीआई ने केस दर्ज किया था ,इसी आधार पर ईडी ने मनी लांड्रिंग का केस दर्ज किया था. सीबीआई के केस में गिरफ्तारी और फिर जमानत मिलने के बाद ये छुपे हुए थे और अब इनकी गिरफ्तारी ईडी ने की है.
ईडी के मुताबिक गरीब तबके के लोगों का पैसा इन लोगों ने गबन किया गया था. दोनों बाप बेटे ने ये काम अपनी फर्जी कम्पनियों के जरिए किया था. दोनों को अभी 1900 करोड़ रुपए आम जनता का बकाया देना है. ईडी कोशिश में है कि गरीबों का पैसा उनको वापस कानूनी प्रक्रिया के जरिए मिल जाए. (इनपुट भाषा से भी)