जम्मू-कश्मीर में परिसीमन अप्रैल अंत तक पूरा होने की संभावना, फिर होगा चुनाव का फैसला : सूत्र

एक अधिकारी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में परिसीमन और मतदाता सूची सत्यापन के बाद, सरकार सर्वदलीय बैठक बुला सकती है और उनकी राय ले सकती है

विज्ञापन
Read Time: 10 mins
जम्मू-कश्मीर में परिसीमन अप्रैल अंत तक पूरा होने की संभावना, फिर होगा चुनाव का फैसला : सूत्र
प्रतीकात्मक फोटो.
नई दिल्ली:

परिसीमन आयोग द्वारा अप्रैल के अंत तक अपनी अंतिम रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद केंद्र जम्मू-कश्मीर में चुनावों पर अंतिम फैसला करेगा. सूत्रों ने बताया कि केंद्र द्वारा सुरक्षा समेत सभी पहलुओं की समीक्षा के बाद फैसला लिया जाएगा. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, "रिपोर्ट कानून और न्याय मंत्रालय को सौंपी जाएगी क्योंकि उन्होंने आयोग को अधिसूचित किया था. उसके बाद चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची की समरी में संशोधन किया जाएगा."

अधिकारी के अनुसार अगले तीन चार महीनों के बाद ड्राफ्ट रोल प्रकाशित किए जाएंगे और घर-घर जाकर सत्यापन किया जाएगा. उन्होंने कहा, "इस सारी प्रक्रिया के बाद, ऐसा लगता है कि सरकार सर्वदलीय बैठक बुला सकती है और उनकी राय ले सकती है."

परिसीमन आयोग के पिछले महीने के प्रस्तावों से जम्मू क्षेत्र में नाराजगी फैल गई थी. सुचेतगढ़ विधानसभा क्षेत्र में भाजपा की पूरी इकाई ने इस्तीफा दे दिया था क्योंकि आयोग ने विधानसभा को आरएस पुरा निर्वाचन क्षेत्र के साथ विलय करने का प्रस्ताव रखा था. बाद में आयोग को अपने प्रस्ताव पर पीछे हटना पड़ा.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "यह एक आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र है, इसलिए लोगों में काफी आक्रोश है."

नए चुनावी नक्शे के खिलाफ राजौरी, डोडा, किश्तवाड़ और रामबन जिलों के कुछ हिस्सों में भी नाराजगी बढ़ रही है. इन इलाकों में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं. आयोग ने उधमपुर, राजौरी, डोडा, कठुआ, सांबा और किश्तवाड़ जिलों को मिलाकर जम्मू क्षेत्र में छह नए निर्वाचन क्षेत्रों का प्रस्ताव किया है.

इस परिसीमन से जम्मू और कश्मीर विधानसभा में मौजूदा 37 हिंदू-बहुल क्षेत्रों की ताकत का विस्तार 43 तक हो जाएगा. कश्मीर के लिए एक नई सीट का प्रस्ताव किया गया है, जिसे कुपवाड़ा जिले में बनाया जाएगा. इससे मुस्लिम-बहुसंख्यक विधानसभा क्षेत्रों की संख्या 46 सीटों की मौजूदा संख्या से बढ़कर 47 हो जाएगी.

सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई,मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा और राज्य चुनाव आयुक्त केके शर्मा की अध्यक्षता में आयोग का गठन 6 मार्च 2020 को एक वर्ष के कार्यकाल के लिए किया गया था. इसका कार्यकाल बाद में एक और वर्ष के लिए बढ़ा दिया गया था. आयोग का कार्यकाल 6 मार्च 2022 को समाप्त होने वाला था, इसे दो महीने का विस्तार दिया गया है.

Advertisement
Featured Video Of The Day
Iran Israel War: America के आगे ईरान की नेवल पावर में कितना दम? | Donald Trump | Ali Khamenei
Topics mentioned in this article