चाइल्ड पोर्नोग्राफी रोकने के लिए दिल्ली पुलिस का ऑपरेशन MASOOM, 50 से ज्यादा अरेस्ट

चाइल्ड पोर्नोग्राफी को रोकने और मासूमों की रक्षा के लिए दिल्ली पुलिस ने पैन दिल्ली ऑपरेशन शुरू किया है. इसे ऑपरेशन MASOOM का नाम दिया गया है, जिसे स्पेशल सेल की साइबर क्राइम यूनिट और सभी जिला पुलिस के सहयोग से चलाया जा रहा है.

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नई दिल्ली:

चाइल्ड पोर्नोग्राफी को रोकने और मासूमों की रक्षा के लिए दिल्ली पुलिस ने पैन दिल्ली ऑपरेशन शुरू किया है. इसे ऑपरेशन MASOOM का नाम दिया गया है, जिसे स्पेशल सेल की साइबर क्राइम यूनिट और सभी जिला पुलिस के सहयोग से चलाया जा रहा है. बाल अश्लील सामग्री से संबंधित उल्लंघनों की जानकारी साइबर क्राइम यूनिट को राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के माध्यम से मिलती है, जिसका राष्ट्रीय गुमशुदा और शोषित बच्चों के केंद्र (एनसीएमईसी) के साथ समझौता है. पैन दिल्ली के आधार पर विभिन्न थानों में 100 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं और अपराधियों के खिलाफ आवश्यक कानूनी कार्रवाई की गई है. पिछले ​दो दिनों में दिल्ली पुलिस ने 167 एफआइआर दर्ज की हैं जबकि 97 गिरफ्तारियां की हैं.

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गुम और शोषित बच्चों के लिए राष्ट्रीय केंद्र (NCMEC) एक निजी और गैर-लाभकारी संगठन है. इस संगठन की स्थापना वर्ष 1984 में संयुक्त राष्ट्र कांग्रेस ने की थी. संगठन यूएसए में स्थित है. संगठन ने फेसबुक, इंस्टाग्राम और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के साथ करार किया है. उन्हें सोशल मीडिया पर जब भी बच्चों के संबंध में कोई अश्लील सामग्री मिलती है तो वो रेड फ्लैग कर देते हैं. वे उस उपयोगकर्ता का आईपी पता विवरण प्राप्त करते हैं जिसने अश्लील सामग्री अपलोड की थी.

एनसीआरबी (नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो) और नेशनल सेंटर फॉर मिसिंग एंड एक्सप्लॉइटेड चिल्ड्रेन (एनसीएमईसी) के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए. इस समझौता ज्ञापन के तहत, एनसीएमईसी बच्चों के खिलाफ यौन आपत्तिजनक सामग्री के बारे में साइबर टिपलाइन शिकायतें/सूचना एनसीआरबी को प्रदान कर रहा है जिसे फेसबुक, इंस्टाग्राम आदि विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर साझा या अपलोड किया जा रहा है. इसके लिए एनसीएमईसी इन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के साथ-साथ बड़े पैमाने पर जनता के साथ घनिष्ठ समन्वय में काम करता है.

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इन शिकायतों को, ऐसी यौन आपत्तिजनक सामग्री को साझा करने/अपलोड करने वाले व्यक्ति के विवरण के साथ, एनसीएमईसी द्वारा एनसीआरबी को भेजा जाता है, जो बाद में इसे राज्य नोडल एजेंसियों के साथ साझा करता है.

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साइबर क्राइम यूनिट (IFSO), स्पेशल सेल, दिल्ली में नोडल एजेंसी है. आईएफएसओ इकाई में, एनसीआरबी से प्राप्त ब्यौरों का विश्लेषण किसी संगठित गठजोड़ की पहचान के उद्देश्य से किया जाता है. आईएफएसओ इकाई ने सभी इनपुट का विश्लेषण किया और संदिग्धों की पहचान की.

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