दिल्ली की शराब नीति केस (Delhi Liquor Policy Scam) में कथित घोटाले के आरोप में पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) सीबीआई और ईडी की जांच का सामना कर रहे हैं. सिसोदिया तिहाड़ जेल में बंद हैं. उनकी जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में 14 जुलाई को सुनवाई होगी. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच ने सीनियर वकील डॉ. एएम सिंघवी के उल्लेख के बाद मामले को सूचीबद्ध किया है. सिसोदिया की ओर से पेश हुए डॉ. एएम सिंघवी ने सिसोदिया की पत्नी की बीमारी का हवाला देते हुए तत्काल सूचीबद्ध करने की मांग की थी.
शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर अपलोड की गई वाद सूची के अनुसार, जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी की पीठ दिल्ली हाईकोर्ट के अलग-अलग आदेशों को चुनौती देने वाली उनकी याचिकाओं पर सुनवाई करेगी. हाईकोर्ट ने इन मामलों में उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था.
इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने शराब नीति केस में सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. सीबीआई के भ्रष्टाचार मामले में कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा कि सिसोदिया एक पावरफुल इंसान हैं और वे बाहर आएंगे तो गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं.
सीबीआई ने 26 फरवरी को शराब घोटाले में कथित भूमिका के लिए मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया था. तब से वह हिरासत में हैं. प्रवर्तन निदेशालय ने तिहाड़ जेल में उनसे पूछताछ के बाद 9 मार्च को सीबीआई की प्राथमिकी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उन्हें गिरफ्तार कर लिया. सिसोदिया ने 28 फरवरी को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था.
बता दें कि दिल्ली के उप राज्यपाल (LG) ने नई शराब नीति के बाद निकले टेंडर को लेकर सीबीआई जांच के निर्देश दिए थे. एलजी ऑफिस की ओर से कहा गया कि सिसोदिया की भूमिका जानबूझकर की गई खामियों के चलते जांच के दायरे में है, जिसने 2021-22 के लिए शराब लाइसेंस धारकों के लिए टेंडर में 144 करोड़ का अवैध रूप से लाभ पहुंचाने का काम किया.
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