दिल्ली (Delhi) में उप राज्यपाल और आम आदमी पार्टी की सरकार के बीच विवादों की फेहरिस्त लंबी है. इस बार उप राज्यपाल और सरकार के बीच 'रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ' कैंपेन (Red Light On, Gaadi Off Campaign) को लेकर ठन गई है. उप राज्यपाल विनय विनय कुमार सक्सेना (LG Vinai Kumar Saxena) ने कैंपेन से जुड़ी फाइल को वापस मुख्यमंत्री कार्यालय भेज दिया है. उन्होंने दिल्ली सरकार के कैंपेन पर सवाल उठाए हैं और इसे लेकर सरकार से पुनर्विचार करने के लिए कहा है. साथ ही उन्होंने कैंपेन को सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ बताया.
उप राज्यपाल ने रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ कैंपेन को लेकर कहा कि इस बात का कोई सबूत नहीं कि इस तरीके से कैंपेन चलाने से वायु प्रदूषण पर नियंत्रण किया जा सकता है. उप राज्यपाल ने फाइल वापस दिल्ली सरकार के पास भेजते हुए लिखा है कि इस कैंपेन में सिविल डिफेंस वॉलेंटियर्स को इस तरीके से भारी ट्रैफिक और प्रदूषण के बीच खड़ा नहीं रखा जा सकता, ये उनका शोषण करने के साथ बहुत ही अमानवीय भी है.
साथ ही कानून और राजस्व विभाग भी इस बात की जांच करे कि क्या सिविल डिफेंस वालंटियर्स का इस तरीके से कैंपेन के दौरान इस्तेमाल किया जा सकता है या नहीं.
इसके अलावा उप राज्यपाल ने इस कैंपेन पर सवाल उठाते हुए लिखा है कि बीते सालों के जो प्रभाव इस कैंपेन के जरिए देखे गए, उनकी जानकारी प्रपोजल में नहीं दी गई है. उपराज्यपाल ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री इस फाइल पर 11 अक्टूबर से लेकर 21 अक्टूबर तक बैठे रहे.
सक्सेना के मुताबिक पर्यावरण मंत्री गोपाल राय और अरविंद केजरीवाल इस बारे में गलत दावा कर रहे हैं और झूठ फैला रहे हैं कि 28 अक्टूबर से इस योजना को लागू करना था, जबकि उपराज्यपाल दफ्तर को 31 अक्टूबर की तारीख बताई गई थी.
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