दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के उस आदेश को चुनौती दी, जिसमें दिल्ली के उपराज्यपाल को सॉलि़ड वेस्ट मैनेजमेंट (कूड़ा प्रबंधन) के मामले में हाई लेवल कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया था. एनजीटी ने उपराज्यपाल को 16 फरवरी 2023 को सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए बनाई गई हाई लेवल कमिटी का चेयर पर्सन नियुक्त किया था.
दिल्ली सरकार का कहना है कि एनजीटी का यह आदेश दिल्ली में गवर्नेंस की संवैधानिक योजना और सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ के आदेशों का उल्लंघन है. दिल्ली में तीन विषयों को छोड़कर बाकी सब विषयों पर चुनी हुई सरकार का अधिकार है. इससे पहले दिल्ली सरकार सुप्रीम कोर्ट में ही एनजीटी के उस आदेश को भी चुनौती दे चुकी है, जिसमें यमुना सफाई के मामले में उपराज्यपाल को हाई लेवल कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया था.
दरअसल, पिछले कुछ महीनों से लगातार दिल्ली के उपराज्यपाल एनजीटी के आदेश के आधार पर यमुना सफाई और तीन कूड़े के पहाड़ से कूड़ा जल्द खत्म करने का दावा कर रहे हैं. दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार लगातार उपराज्यपाल पर क्रेडिट चोरी करने का आरोप लगा रही है और कह रही है सारी योजनाएं, बजट आदि दिल्ली की सरकार लेकर आ रही है और उपराज्यपाल जबरदस्ती क्रेडिट ले रहे हैं.
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