"दिल्ली में प्रशासनिक अराजकता के कारण..." : दिल्ली अध्यादेश को लेकर केंद्र का SC में हलफनामा

केंद्र ने हलफनामे में कहा कि दिल्ली सरकार की अध्यादेश बिना किसी विधायी क्षमता के जारी करने की दलील गलत है. कानूनी या संवैधानिक आधार पर नहीं, बल्कि राजनीतिक आधार पर बेतुकी और निराधार दलीलें दी गई हैं.

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अफसरों का ट्रांसफर पोस्टिंग मामला....

अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग पर अध्यादेश को लेकर केंद्र और एलजी ने SC में हलफनामा दाखिल किया है. केंद्र और एलजी ने अध्यादेश को सही ठहराया है और कहा है कि मंत्रियों ने सोशल मीडिया पर आदेश अपलोड कर अफसरों के खिलाफ अभियान चलाया. आप के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने विजिलेंस अफसर को निशाना बनाया.  रात 11 बजे के बाद फाइलों को अपने कब्जे में लेने के लिए विजिलेंस दफ्तर पहुंच गई.

दिल्ली सरकार की अध्यादेश बिना किसी विधायी क्षमता के जारी करने की दलील गलत है. कानूनी या संवैधानिक आधार पर नहीं, बल्कि राजनीतिक आधार पर बेतुकी और निराधार दलीलें दी गई हैं. यदि संसद में परीक्षण किए जाने वाले अध्यादेश पर रोक लगा दी गई तो इससे दिल्ली के प्रशासन की अपूरणीय क्षति होगी. अध्यादेश संसद के मानसून सत्र में पेश होने की संभावना है.सुप्रीम कोर्ट को इस मुद्दे पर फैसले के लिए मॉनसून सत्र के खत्म होने का इंतजार करना चाहिए.

हलफनामे में केंद्र का कहना है कि आप सरकार को सतर्कता विभाग के अधिकारियों का तबादला करने से रोकने के लिए दिल्ली अध्यादेश जल्दबाजी में लाया गया. 11 मई के फैसले के बाद सतर्कता अधिकारियों से  शिकायतें मिलीं.  एक्साइज विभाग की जांच, फीडबैक यूनिट की जांच से संबंधित फाइलें सतर्कता विभाग के कार्यालयों से ली गईं.  आप मंत्रियों के अहंकारी, असंवेदनशील व्यवहार के कारण अध्यादेश जारी करना पड़ा.  अध्यादेश में देरी से शासन व्यवस्था पंगु हो जाती. देश विश्व स्तर पर शर्मिंदा होता.  अधिकारियों के काम करने में बाधा डाली गई. दिल्ली में प्रशासनिक अराजकता के कारण आपातकालीन तरीके से अध्यादेश लाना पड़ा.

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