केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने दिल्ली सरकार (Delhi government) को सख्त निर्देश दिया है कि रोहिंग्याओं (Rohingyas) के आवासीय स्थल को डिटेंशन सेंटर (Detention Centre) घोषित किया जाए ताकि वहां की आवाजाही की मैपिंग की जा सके. मंत्रालय के अनुसार अधिकांश रोहिंग्या दिल्ली के मदनपुर खादर के कंचन कुंज इलाके में रह रहे हैं और केंद्र चाहता है कि इसे डिटेंशन सेंटर घोषित किया जाए ताकि रोहिंग्याओं की आवाजाही पर नज़र रखी जा सके. इस कॉलोनी में करीब 250 परिवार रहते हैं.
गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि, "फिलहाल वे खुलेआम घूमते हैं और कभी-कभी कुछ लोग गायब हो जाते हैं, लेकिन अगर इस इलाके को डिटेंशन सेंटर घोषित कर दिया जाता है तो कानून व्यवस्था से जुड़ी एजेंसियों के लिए भी उन पर नजर रखना आसान हो जाएगा."
उनके अनुसार कैंपों में उनकी गतिविधियों पर कोई नियंत्रण नहीं होगा, लेकिन दिल्ली पुलिस के लिए उनका सत्यापन करना आसान होगा. उन्होंने कहा कि इस कैंप में केवल 1100 रोहिंग्या रह रहे हैं.
मंत्रालय ने इस बात पर भी जोर दिया कि कानून के अनुसार सभी अवैध विदेशियों को डिटेंशन सेंटरों में रखा जाना चाहिए, लेकिन इस मामले में दिल्ली सरकार इसे डिटेंशन सेंटर घोषित करने में विफल रही है. मंत्रालय के एक वरिष्ठ स्तर के अधिकारी कहते हैं, ''हम उन्हें लंबे समय से ऐसा करने के लिए कह रहे हैं और उन्हें फिर से तुरंत ऐसा करने का निर्देश दिया है.''
दिलचस्प बात यह है कि दिल्ली सरकार ने भी इस मुद्दे पर केंद्र पर निशाना साधा है. दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट किया, “केंद्र, जो सुबह इस खबर को अपनी उपलब्धि बताते हुए थक नहीं रहा था, अब दिल्ली सरकार पर दोष मढ़ने की कोशिश कर रहा है. 'आप' का विरोध. जबकि सच यह है कि केंद्र सरकार गुप्त रूप से दिल्ली में रोहिंग्याओं को स्थायी निवास देने की कोशिश कर रही थी."
उन्होंने कहा कि, "केंद्र सरकार और उप राज्यपाल के इशारे पर अधिकारियों और पुलिस ने यह निर्णय लिए. वे इसे दिल्ली के मुख्यमंत्री या गृह मंत्री को फाइल दिखाए बिना एलजी से अनुमोदन के लिए भेज रहे थे. दिल्ली सरकार दिल्ली में रोहिंग्याओं को अवैध रूप से बसाने की इस साजिश की अनुमति नहीं देगी."
आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने दावा किया कि बीजेपी रोहिंग्या शरणार्थियों को दिल्ली में बसाने की साजिश कर रही है, जो नागरिकों की सुरक्षा के लिए खतरा है. भारद्वाज ने कहा, "बीजेपी खुद को सबसे चतुर मानती है. मुख्य सचिव नरेश कुमार ने विदेशी पंजीकरण कार्यालय और दिल्ली पुलिस के सहयोग से यह फैसला किया है."
उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र द्वारा "साजिश" की जा रही थी क्योंकि नई दिल्ली नगर निगम (NDMC) हरदीप पुरी के अधीन है और मुख्य सचिव एलजी के निर्देश पर काम कर रहे थे.
रोहिंग्या पर AAP और बीजेपी आमने-सामने