सुप्रीम कोर्ट को बाढ़ के पानी से बचाने में जुटी दिल्ली सरकार, देर रात बनाया गया बांध

दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज स्वयं देर रात तक मौके पर मौजूद थे. दरअसल इंद्रप्रस्थ बस डिपो और  WHO बिल्डिंग के बीच में एक नाले पर लगा रेगुलेटर टूट गया था. नाले पर लगे रेगुलेटर के टूट जाने से नाले का पानी बैक फ्लो हो रहा था.

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नई दिल्ली:

दिल्ली में बाढ़ का कहर देखने को मिल रहा है. प्रशासन की तरफ से युद्धस्तर पर राहत और बचाव कार्य चलाए जा रहे हैं.  इंद्रप्रस्थ के पास एक नाले में जलस्तर के बढ़ोतरी के बाद यह खतरा मंडराने लगा कि बाढ़ का पानी कहीं सुप्रीम कोर्ट के परिसर में घुस जाए. दिल्ली सरकार सुप्रीम कोर्ट तक पानी न पहुंच जाए उसके लिए इंद्रप्रस्थ के पास के नाले पर छोटा बांध बना रही है.

इस नाले से यमुना का पानी दिल्ली के ITO , इंद्रप्रस्थ के इलाके में भर रहा था. अगर इस नाले से यमुना के पानी को नहीं रोका जाता तो शुक्रवार दोपहर तक बाढ़ का पानी सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच जाता. सैकड़ों मजदूरों को काम पर लगाया गया है. बोरों में मिट्टी भरकर नाले पर बांध का निर्माण किया गया. 

इस निर्माण के दौरान दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज स्वयं देर रात तक मौके पर मौजूद थे. दरअसल इंद्रप्रस्थ बस डिपो और  WHO बिल्डिंग के बीच में एक नाले पर लगा रेगुलेटर टूट गया था. नाले पर लगे रेगुलेटर के टूट जाने से नाले का पानी बैक फ्लो हो रहा था. अगर यह ठीक नहीं होता तो इसके जरिए पानी सुप्रीम कोर्ट के आसपास भी पहुंच सकता था. 

नाले को ड्रेन नंबर 12 के नाम से जाना जाता है और दिल्ली सरकार का इरीगेशन और फ्लड कंट्रोल विभाग इस पर नियंत्रण रखता है. दिल्ली के इरीगेशन और फ्लड कंट्रोल मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि यहां पर हम एक बांध बनाने की कोशिश कर रहे हैं ताकि यह पानी यहीं रुक जाए और दिल्ली शहर में ना घुसे. 

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