दिल्ली CM आवास नवीनीकरण का मामला : 6 PWD इंजीनियरों को सुप्रीम कोर्ट से झटका

जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एसवीएन भट्टी की पीठ ने कारण बताओ नोटिस को रद्द करने की मांग वाली उनकी याचिका खारिज कर दी. साथ ही उन्हें केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण से संपर्क करने के लिए कहा है. 

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दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के बाद पीडब्‍ल्‍यूडी इंजीनियरों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. (फाइल)
नई दिल्‍ली:

दिल्‍ली में सीएम आवास नवीनीकरण मामले में 6 पीडब्‍ल्‍यूडी इंजीनियरों को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने विजिलेंस के कारण बताओ नोटिस को रद्द करने से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण के पास जाने के लिए कहा है. इससे पहले, दिल्ली हाईकोर्ट ने भी उनकी याचिका खारिज कर दी थी. 6 पीडब्‍ल्‍यूडी इंजीनियरों को दिल्ली सरकार के सतर्कता निदेशालय ने कारण बताओ नोटिस जारी किया था.  

जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एसवीएन भट्टी की पीठ ने कारण बताओ नोटिस को रद्द करने की मांग वाली उनकी याचिका खारिज कर दी. साथ ही उन्हें केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण से संपर्क करने के लिए कहा है. 

दिल्ली हाईकोर्ट के 2 सितंबर के आदेश के बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिसमें उन्हें कोई राहत देने से इनकार कर दिया गया था.  इंजीनियरों पर "मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास के नवीनीकरण में नियमों के घोर उल्लंघन" का आरोप लगाया गया है. 

सतर्कता निदेशालय ने केजरीवाल के आधिकारिक आवास के नवीनीकरण के नियमों के कथित उल्लंघन पर छह पीडब्‍ल्‍यूडी अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था. संबंधित चीफ इंजीनियर और अन्य पीडब्‍ल्‍यूडी अधिकारियों को जारी नोटिस में उनसे अपने कार्यों की व्याख्या करने को कहा गया है. 

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