"CPI को पुराने पैन कार्ड के इस्तेमाल के लिए आयकर नोटिस मिला": डी राजा

इनकम टैक्स विभाग को फरवरी में कांग्रेस के टैक्स रिटर्न में गड़बड़ी मिली थी. जिसके बाद विभाग ने 200 करोड़ रुपये की पैनल्टी लगाई थी.

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"CPI को पुराने पैन कार्ड के इस्तेमाल के लिए आयकर नोटिस मिला": डी राजा
''हमें पुराने पैन कार्ड के इस्तेमाल के लिए आयकर नोटिस मिला": सीपीआई
नई दिल्ली:

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) महासचिव डी राजा ने बताया कि उनकी पार्टी की कुछ राज्य इकाइयों द्वारा पुराने पैन कार्ड के उपयोग के कारण आयकर विभाग से नोटिस मिला था. यह पूछे जाने पर कि क्या पार्टी को किसी विशेष राशि के संबंध में आईटी से कोई नोटिस मिला है? इसपर राजा ने स्पष्ट करते हुए कहा, "उन्हें पैसे के संबंध में आईटी से कोई नोटिस नहीं मिला है."

बता दें इनकम टैक्स विभाग ने कांग्रेस पार्टी को 1,700 करोड़ रुपये का रिकवरी नोटिस भेजा है, ये जानकारी सूत्रों के हवाले से सामने आई है. कांग्रेस को यह नोटिस दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा टैक्स नोटिस को चुनौती देने वाली पार्टी की याचिका खारिज करने के एक दिन बाद भेजा गया है. सूत्रों के मुताबिक ताजा नोटिस एसेसमेंट इयर 2017-18 से 2020-21 के लिए है, इसमें जुर्माना और ब्याज दोनों शामिल है.

आयकर विभाग के नोटिस पर कांग्रेस नेता अजय कामन की प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने कहा, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने कांग्रेस को अब तक 1823 करोड़ रुपए का डिमांड नोटिस जारी किया है. इसमें सीताराम केसरी के कार्यकाल 1993-94 से जुड़ी 53.5 करोड़ की डिमांड शामिल है. हम मांग करते हैं कि आयकर विभाग बीजेपी के खिलाफ 4600 करोड़ का टैक्स डिमांड नोटिस जारी करें."

IT ने कांग्रेस पर लगाई थी 200 करोड़ की पैनल्टी

इनकम टैक्स विभाग को फरवरी में कांग्रेस के टैक्स रिटर्न में गड़बड़ी मिली थी. जिसके बाद विभाग ने 200 करोड़ रुपये की पैनल्टी लगाई थी. आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (आईटीएटी) ने पार्टी को बकाया भुगतान करने को कहा था और उनके खाते फ्रीज कर दिए थे. वहीं कांग्रेस का कहना है कि टैक्स ट्रिब्यूनल का उसके फंड को रोकने का आदेश "लोकतंत्र पर हमला" है,  क्योंकि यह आदेश लोकसभा चुनाव से ठीक पहले दिया गया है. 

दिल्ली HC से कांग्रेस को झटका

दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुवार को कांग्रेस द्वारा उसके खिलाफ 4 साल के लिए टैक्स रीएसेसमेंट प्रोसीडिंग शुरू करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया. सुप्रीम कोर्ट द्वारा चुनावी बॉन्ड को रद्द करने के बाद, लोकसभा चुनाव में राजनीतिक दलों के लिए फंडिंग एक केंद्रीय मुद्दा बनता जा रहा है.  कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने अदालत के फैसले का स्वागत किया, जिसने उस योजना को खत्म कर दिया जिससे बीजेपी को सबसे ज्यादा फायदा हुआ था.

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