मधुमिता शुक्ला की हत्या का दोषी संतोष राय पहुंचा SC, सरकार को रिहाई का निर्देश देने की लगाई गुहार

लखनऊ के निशातगंज स्थित पेपर मिल कॉलोनी में 9 मई 2003 को मशहूर कवयित्री मधुमिता शुक्ला की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. पूर्व कैबिनेट मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी को कवयित्री मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में दोषी पाया गया था.

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सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश के चर्चित मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में मुख्य दोषी अमरमणि त्रिपाठी और मधुमणि त्रिपाठी की रिहाई के बाद अब हत्यारा संतोष कुमार राय भी समय से पहले रिहाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है. संतोष राय ने भी अमरमणि त्रिपाठी और मधुमणि त्रिपाठी के मामले का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई है कि वो सरकार को उसकी रिहाई पर फैसला करने के निर्देश दे. साथ ही कहा कि जब तक उसकी दया याचिका पर फैसला ना हो तब तक अंतरिम जमानत दी जाए.

खास बात ये है कि उसकी याचिका पर सुनवाई भी 25 अगस्त को उसी बेंच के सामने हुई, जिसने मधुमिता शुक्ला की बहन निधि शुक्ला की अर्जी पर सुनवाई की और अमरमणि त्रिपाठी और मधुमणि त्रिपाठी की रिहाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. अब संतोष की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट एक सितंबर को सुनवाई करेगा. इस दौरान यूपी सरकार और उतराखंड सरकार को जवाब दाखिल करना है.

वकील हर्षवर्धन विशेन द्वारा दाखिल याचिका में संतोष राय ने कहा है कि उसने केंद्र, यूपी और उतराखंड सरकार को समय से पहले रिहाई की अर्जी दाखिल की है और अब तक उस पर फैसला नहीं किया गया है. उसने बताया है कि वो 27.03.2023 को छूट के साथ 18 साल 1 महीने 14 दिन की कुल अवधि के लिए और छूट के साथ 21 साल 10 महीने 15 दिन की अवधि के लिए जेल में बंद है.

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याचिकाकर्ता छूट और समय पूर्व रिहाई के लिए विचार किए जाने का पात्र है. अदालत सरकार को मामले पर विचार करने का निर्देश दे. हर्षवर्धन विशेन ने दलील दी है कि सह-अभियुक्त मधुमणि त्रिपाठी और अमरमणि त्रिपाठी की याचिका पर भी सुप्रीम कोर्ट ने अधिकारियों को उनके द्वारा समय पूर्व रिहाई के लिए दायर आवेदन पर विचार करने का निर्देश दिया था. इसी तरह सुप्रीम कोर्ट उसके मामले पर भी तुरंत फैसला करने को कहे, तब तक उसे अंतरिम जमानत पर रिहा किया जाए.

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गौरतलब है कि यूपी में महराजगंज की लक्ष्मीपुर विधानसभा से विधायक रहे और पूर्व कैबिनेट मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी को कवयित्री मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में दोषी पाया गया था. जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई थी. इस मामले के 20 साल बाद अमरमणि त्रिपाठी को अच्छे आचरण की वजह से उनकी बाकी सजा को माफ कर दिया गया है.

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लखनऊ के निशातगंज स्थित पेपर मिल कॉलोनी में 9 मई 2003 को मशहूर कवयित्री मधुमिता शुक्ला की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने इस मामले पर राजनीति गरमाने के बाद इस हत्याकांड की जांच सीबीआई को सौंप दी थी. जांच के दौरान अमरमणि पर गवाहों को धमकाने के आरोप लगे तो मामले को देहरादून की फास्ट ट्रैक कोर्ट शिफ्ट किया गया. बाद में अमरमणि और उनकी पत्नी मधुमणि को दोषी करार दिया गया.

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