"नारायण मूर्ति पर व्यक्तिगत हमला": RSS के आर्टिकल पर जयराम रमेश ने कहा

आरएसएस के मुखपत्र पांचजन्य के लेख में इन्फोसिस के खिलाफ प्रकाशित लेख पर अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने निशाना साधा है.

विज्ञापन
Read Time: 16 mins
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने आरएसएस पर साधा निशाना. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

कांग्रेस नेता जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने आज एनडीटीवी से कहा कि आरएसएस (RSS) से जुड़ी एक पत्रिका का न केवल इंफोसिस (Infosys) लिमिटेड बल्कि भारत के टैक्स पोर्टलों को संभालने में गड़बड़ियों को लेकर "इसके कुछ सम्मानित संस्थापकों" पर "व्यक्तिगत हमला" "बिल्कुल निंदनीय" है. भाजपा के वैचारिक संरक्षक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) में गहरी जड़ें रखने वाली पत्रिका पांचजन्य के लेख ने सवाल किया था कि क्या इंफोसिस द्वारा संचालित टैक्स-फाइलिंग वेबसाइटों पर गड़बड़ियों के पीछे "राष्ट्र-विरोधी" साजिश हो सकती है.

रमेश ने कहा, "यह पूरा मामला अनुचित और अत्याचारी है. जीएसटी प्लेटफॉर्म या आयकर प्लेटफॉर्म पर इंफोसिस के साथ वित्त मंत्रालय की जो भी समस्याएं हैं, यह वित्त मंत्रालय और इंफोसिस के बीच है." रमेश ने आज एनडीटीवी से कहा, "लेकिन आरएसएस के प्रकाशन के लिए न केवल कंपनी पर बल्कि कंपनी के कुछ सबसे सम्मानित संस्थापकों पर व्यक्तिगत हमले का सहारा लेना, मुझे लगता है कि यह बिल्कुल निंदनीय है."

जयराम रमेश ने कहा, "वास्तव में, लेख राष्ट्र-विरोधी है," कांग्रेस नेता ने कहा, "मैं व्यक्तिगत रूप से नारायण मूर्ति पर किए गए हमले की निंदा करता हूं. अगर मैं यह बताऊं कि आधुनिक, उद्यमी भारत के तीन या चार निर्माता कौन हैं, तो नारायण मूर्ति शीर्ष पर होंगे ... उनपर नक्सलियों, टुकड़े-टुकड़े गैंग, वामपंथी उदारवादियों का समर्थन करने का आरोप पूरी तरह से फर्जी है. लेकिन जहां तक ​​आरएसएस या भाजपा का संबंध है, यह पाठ्यक्रम के समान है.”

जर्नल के नवीनतम संस्करण में, नारायण मूर्ति द्वारा स्थापित बेंगलुरु स्थित फर्म पर चार पेज की कवर स्टोरी में पूछा गया है कि क्या "राष्ट्र-विरोधी शक्ति इसके माध्यम से भारत के आर्थिक हितों को चोट पहुंचाने की कोशिश कर रही है". आरएसएस ने इससे खुद को दूर कर लिया है. आरएसएस प्रवक्ता सुनील आंबेकर ने ट्वीट किया कि लेख में व्यक्त विचार संगठन के नहीं बल्कि लेखक के हैं.

आरएसएस के प्रवक्ता द्वारा ट्वीट किए जाने के कुछ घंटे बाद कि पांचजन्य उनका मुखपत्र नहीं है. जयराम रमेश ने कहा, "यह आरएसएस की खासियत है. उन्होंने लेख को क्यों आने दिया? यह चार पन्नों का लेख है, एक व्यक्तिगत लेख है, जो उनके मुखपत्र में छपा है''. 

Advertisement

पांचजन्य के संपादक हितेश शंकर ने कहा कि प्रकाशन रिपोर्ट के साथ "दृढ़ है".

पिछले महीने, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इंफोसिस के सीईओ सलिल पारेख के साथ बैठक में कंपनी द्वारा स्थापित नए आयकर पोर्टल में लगातार गड़बड़ियों पर "गहरी निराशा" व्यक्त की और सभी मुद्दों को हल करने के लिए उन्हें 15 सितंबर तक का समय दिया.

Advertisement

यह भी पढ़ेंः

Featured Video Of The Day
Delhi Assembly Elections: 'BJP किसी को भी Ticket दे, Okhla में खिलेगा 'कमल'- Dheer Singh Bidhuri
Topics mentioned in this article