"कांग्रेस बौखलाहट में दे रही आधारहीन बयान": मल्लिकार्जुन खरगे पर भड़के सुधांशु त्रिवेदी

सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि पीएम मोदी की सत्ता में सबको इंसाफ मिल रहा है. शाहबानो केस में शरिया को सर्वोच्च न्यायालय से ऊपर रखा गया है, ये सेकुलर स्टेट है. कांग्रेस गुलामी की मानसिकता का प्रतिनिधित्व करती है.

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प्रधानमंत्री के तौर पर दो ही उम्‍मीदवार चुन कर आए, अटल बिहारी बाजपेयी और नरेंद्र मोदी: सुधांशु त्रिवेदी

नई दिल्‍ली:

भाजपा नेता सुधांशु त्रिवेदी का कहना है कि कांग्रेस बौखलाहट में आधारहीन बयान दे रही है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का बयान निंदनीय है. उत्तर से दक्षिण तक लोकसभा चुनाव में लोग परिवारवाद को नकार रहे हैं, भारत में वास्तविकतौर पर लोकसत्ता हावी हो चुकी है. दरअसल, मल्लिकार्जुन खरगे ने सोमवार को एक रैली के दौरान आशंका व्यक्त की कि 2024 का लोकसभा चुनाव लोगों के लिए लोकतंत्र को बचाने का आखिरी मौका होगा... क्योंकि अगर बीजेपी आगामी चुनाव जीतती है, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तानाशाही कर सकते हैं.

सुधांशु त्रिवेदी ने प्रेस कान्फ्रेंस कर कांग्रेस के एक-एक आरोप पर उन्‍हें आईना दिखाया. उन्‍होंने कहा, "कांग्रेस के पहले प्रधानमंत्री जीरो वोट पाकर प्रधानमंत्री बने थे. सारे वोट सरदार पटेल को मिले थे, लेकिन प्रधानमंत्री, पंडित जवाहर लाल नेहरू बने थे. मनमोहन सिंह ने प्रणव मुखर्जी से कहा था कि मैडम ने मुझे प्रधानमंत्री बनने को कहा है. प्रधानमंत्री के तौर पर दो ही प्रधानमंत्री चुन कर आए हैं." भाजपा सांसद ने कहा कि प्रधानमंत्री के तौर पर अभी तक देश में दो ही प्रधानमंत्री चुन कर आए हैं. पहले थे अटल बिहारी वाजपेयी और दूसरे हैं नरेंद्र मोदी. इसके अलावा कोई जनता द्वारा चुना हुआ प्रतीत नहीं हुआ. 

लोकसभा का कार्यकाल इंदिरा गांधी ने बढ़ाया था...

उन्‍होंने कहा कि लोकतंत्र की दुहाई देने वाले कांग्रेस के नेता शायद भूल गए कि राजीव गांधी के जमाने में एक अखबार ने कुछ खिलाफ लिखा, तो उनके विरूद्ध ही मामला दर्ज कर दिया गया और संस्‍थान की बिजली तक काट दी गई थी. टेलीग्राफ एक्ट कौन लेकर आया था...? राजीव गांधी के जमाने में ही टेलीग्राफ एक्‍ट आया था, जिसके तहत सरकार आम लोगों के पत्र पढ़ सकती थी और कार्रवाई कर सकती थी. पीवी नरसिंहाराव ने पैसे देकर सरकार बनाई, कोर्ट में साबित हो गया था.  लोकसभा का कार्यकाल इंदिरा गांधी ने बढ़ाया था. 

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मीसा कौन लेकर आया था 

सुधांशु त्रिवेदी  ने पूछा, "मीसा कानून कौन लेकर आया था? मीसा यानी आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था अधिनियम में आपातकाल के दौरान कई संशोधन किए गए और इंदिरा गांधी की निरंकुश सरकार ने इसके जरिए अपने राजनीतिक विरोधियों को कुचलने का काम किया. लालू ने अपनी पुत्री का नाम मीसा रखा था और उस वक्त कहा था कि मैं कांग्रेस को उखाड़ फेंक दूंगा. आज कहां से कहां पहुंच गए. कांग्रेस के नेता देवकांत बरुवा ने कहा था कि 'इंडिया इज इंदिरा, इंदिरा इस इंडिया' और इस नारे के लिए आज तक माफी नहीं मांगी. अधिनायकवादी शक्तियों के हाथ से सत्ता निर्णायकतौर पर निकल रही है."

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पीएम मोदी की सत्ता में सबको इंसाफ

सुधांशु त्रिवेदी  ने कहा कि पीएम मोदी की सत्ता में सबको इंसाफ मिल रहा है. शाहबानो केस में शरिया को सर्वोच्च न्यायालय से ऊपर रखा गया है, ये सेकुलर स्टेट है. कांग्रेस गुलामी की मानसिकता का प्रतिनिधित्व करती है. अंग्रेजों के गुलामी की मानसिकता अब भी कांग्रेसियों के अंदर है. गुलामी की मानसिकता से मुक्त करने का काम मोदी सरकार ने किया है. कांग्रेस और कांग्रेस गोत्र की पार्टियों का सत्ता अवसान हो रहा है. 

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