देश के कई बड़े थर्मल पावर प्लांट्स में कोयले का संकट बढ़ रहा है. सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी की ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक 24 अप्रैल, 2022 तक देश के करीब 33% थर्मल पावर प्लांट्स के पास 10% या उससे भी कम कोयला का स्टॉक बचा था. इसकी वजह से देश कई हिस्सों में डिमांड बढ़ने की वजह से पावर सप्लाई पर बुरा असर पड़ रहा है. दरअसल देश में पावर की डिमांड बढ़ती जा रही है. लेकिन कोयले की सप्लाई में अड़चनों की वजह से बिजली का प्रोडक्शन बाधित हो रहा है.
सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी की ताज़ा डेली कोल स्टॉक रिपोर्ट के मुताबिक 24 अप्रैल 2022 को देश के 165 बड़े थर्मल पावर प्लांट्स में से 24 थर्मल पावर प्लांट्स के पास 0% से 5% तक ही नोर्मेटिव स्टॉक के मुकाबले कोयला स्टॉक बचा था. जबकि 30 थर्मल पावर प्लांट्स के पास 6% से 10% तक नोर्मेटिव स्टॉक के मुकाबले कोयला स्टॉक बचा था. यानी देश के 165 बड़े थर्मल पावर प्लांट्स में से 54 यानी 32.72% के पास 10% या उससे भी कम कोयले का स्टॉक बचा था.
ज़ाहिर है, कोयले का संकट बड़ा हो रहा है, और इससे से निपटने की चुनौती भी. कोयले का संकट ऐसे वक्त पर खड़ा हुआ जब देश में बढ़ती गर्मी और आर्थिक गतिविधियों के तेज़ी से बढ़ने से ही बिजली की मांग भी बढ़ती जा रही है. कोयला मंत्रालय के मुताबिक कोयले के इम्पोर्ट में आयी कमी कोयला संकट के पीछे सबसे बड़ी वजह है.
हालांकि हाल के दिनों में कोल इंडिया और उसकी सब्सिडियरी कंपनियों ने कोयला का प्रोडक्शन बढ़ाया है. मंगलवार को कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी ने ट्वीट कर कहा -- "भारत में कोयला कंपनियों, वाशरीज, TPPs और अन्य यूटिलिटीज के पास कोयले का पर्याप्त भंडार है. हम न केवल कोयला उत्पादन बढ़ा रहे हैं बल्कि कोयला निकासी में सुधार के लिए रेलवे और बिजली मंत्रालयों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं."
सोमवार को ही ऊर्जा मंत्री आर.के सिंह ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मिलकर देश में बिजली की बढ़ती मांग से निपटने की रणनीति पर चर्चा की. आरके सिंह ने केंद्र और राज्य स्तर पर सभी स्टेकहोल्डर्स से बिना किसी रुकावट के बिजली की सप्लाई बहाल रखने के लिए एकजुट होकर पहल करने को कहा है. ऊर्जा मंत्री ने कोल की सप्लाई में आ रही अड़चनों को दूर करने के लिए सभी Power Gencos से रेलवे की freight rakes की सुविधा का बेहतर इस्तेमाल करने का भी निर्देश दिया है.
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