Thiruvananthapuram News: केरल में एक बार फिर बर्ड फ्लू (एवियन इन्फ्लूएंजा) ने दस्तक दी है. भोपाल की लैब (NIHSAD) ने अलाप्पुझा और कोट्टायम जिलों से भेजे गए सैंपल्स में संक्रमण की पुष्टि कर दी है. सबसे चिंता की बात यह है कि यह प्रकोप ठीक क्रिसमस (Christmas 2025) के मौके पर आया है, जब राज्य में पोल्ट्री (मुर्गियों और बत्तखों) की मांग सबसे अधिक होती है.
कहां-कहां फैला है संक्रमण?
वायरस के प्रसार को देखते हुए प्रशासन ने प्रभावित इलाकों को हॉटस्पॉट घोषित कर दिया है. अलाप्पुझा जिले में 8 पंचायतों (नेदुमुडी, चेरुथाना, करुवट्टा, कार्तिकपल्ली, अंबलप्पुझा साउथ, पुन्नाप्रा साउथ, थाकाझी और पुरक्कड़) में संक्रमण मिला है. यहां बत्तख पालन करने वाले किसान सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं. वहीं, कोट्टायम जिले के 4 वार्डों (कुरुपंथारा, मंजूर, कल्लूपुरायक्कल और वेलूर) में मुर्गियों और बटेरों में वायरस की पुष्टि हुई है.
सरकार का 'एक्शन प्लान'
संक्रमण को रोकने के लिए राज्य सरकार ने SOP (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) लागू कर दिए हैं. संक्रमित क्षेत्र के 1 किलोमीटर के दायरे में आने वाले सभी पक्षियों को मारने का आदेश दिया गया है. साथ ही साथ प्रभावित इलाकों के 10 किलोमीटर के दायरे में अंडे, मांस और पोल्ट्री उत्पादों की बिक्री और परिवहन पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है. इसके अलावा रैपिड रिस्पॉन्स टीमें घर-घर जाकर पक्षियों की जांच कर रही हैं और खेतों को डिसइंफेक्ट (कीटाणुमुक्त) किया जा रहा है.
क्या इंसानों को है खतरा?
बर्ड फ्लू मुख्य रूप से पक्षियों की बीमारी है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने सुरक्षा के लिहाज से निर्देश जारी किए हैं. इंसानों में इसका संक्रमण बहुत दुर्लभ है, इसलिए पैनिक होने की जरूरत नहीं है. बीमार या मरे हुए पक्षियों को सीधे हाथ से न छुएं. यदि कहीं पक्षियों की असामान्य मौत दिखे, तो तुरंत पशुपालन विभाग को सूचित करें.
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)













