अब चुनावों में 'हेलीकॉप्टर' उड़ाएंगे चिराग पासवान, चुनाव आयोग ने दिया नया सिंबल और पार्टी का नाम

राम विलास पासवान (Ram Vilas Paswan) ने वर्ष 2000 में लोक जनशक्ति पार्टी की स्थापना की थी. चिराग पासवान की पार्टी को नया नाम लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) दिया गया है. उन्हें हेलीकॉप्टर चुनाव चिन्ह आवंटित किया गया है.

Advertisement
Read Time: 6 mins
चिराग पासवान का उनके चाचा पशुपति पारस के साथ एलजेपी पर नियंत्रण को लेकर विवाद है
नई दिल्ली:

लोक जनशक्ति पार्टी के अधिकार को लेकर मचे घमासान और कानूनी लड़ाई के बीच चुनाव आयोग ने चिराग पासवान (Chirag Paswan) और उनके चाचा पशुपति पारस दोनों पार्टियों को नए नाम दिए हैं और चुनाव चिन्ह भी आवंटित किए हैं. दोनों नेताओं के बीच कई महीनों से विवाद चल रहा है. पूर्व केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान के निधन के बाद पशुपति पारस (Pashupati Paras)  ने भतीजे चिराग पासवान को हटाकर एलजेपी के संसदीय दल के नेता बन गए थे. पशुपति पारस बाद में मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री भी बने.

बाद में चिराग पासवान को लोजपा के अध्यक्ष पद से भी हटा दिया गया था. हालांकि दोनों ही नेताओं ने पार्टी के नाम और चुनाव चिन्ह के अधिकार को लेकर चुनाव आयोग (Election Commission) का दरवाजा खटखटाया है. इस बीच उपचुनाव को देखते हुए चुनाव आयोग ने लोक जनशक्ति पार्टी (Lok Janshakti Party) का नाम और सिंबल (बंगला) सीज कर दिया है. बिहार में 31 अक्टूबर को दो सीटों कुशेश्वर औऱ तारापुर सीट पर उप चुनाव हो रही है.

 लेकिन दोनों ही पक्ष एलजेपी पर अपना दाव ठोक रहे थे, लिहाजा फौरी तौर पर यह फैसला किया गया है. राम विलास पासवान (Ram Vilas Paswan) ने वर्ष 2000 में लोक जनशक्ति पार्टी की स्थापना की थी. चिराग पासवान की पार्टी को नया नाम लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) दिया गया है. उन्हें हेलीकॉप्टर चुनाव चिन्ह आवंटित किया गया है.

पशुपति पारस को राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी नाम मिला है. उन्हें सिलाई मशीन चुनाव चिन्ह आवंटित किया गया है. दोनों नेताओं को उपचुनाव के लिए सोमवार दोपहर एक बजे तक अलग-अलग नाम और चुनाव चिह्न देने को कहा गया था. चिराग पासवान और पशुपति पारस के बीच एलजेपी पर अधिकार की ये लड़ाई लंबी चलने वाली है. चिराग ने अपने पिता की जयंती पर जन आशीर्वाद यात्रा निकाली थी.

Featured Video Of The Day
Team India के देश लौटने का रास्ता साफ हुआ, Final के बाद बारबाडोस में फंसी थी टीम