वर्ष 2011 में चाइनीज़ कंपनी के लोगों को वीजा दिलाने के मामले में कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम (Karti Chidambaram) की अग्रिम ज़मानत अर्ज़ी पर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है. राउज़ एवेन्यू कोर्ट अग्रिम ज़मानत पर 3 जून को फैसला सुनाएगा. कार्ति को मिली अंतरिम राहत 3 जून तक जारी रहेगी. प्रवर्तन निदेशालय (ED) के वकील ने कहा कि अंतरिम जमानत दी जाती है तो जांच प्रभावित हो सकती है, हम यह पता नहीं लगा पाएंगे कि पैसे कहां गए? उन्होंने कहा कि PMLA की जांच अपराध की मात्रा तक ही सीमित नहीं है क्योंकि FIR में कहा गया है कि वहां अन्य लेनदेन हो सकता है. यह रकम करोड़ के पार भी हो सकती है.
ED ने कार्ति को अग्रिम जमानत की अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि धन शोधन और नकली वीजा के आरोप गंभीर हैं और इस मामले में कार्ति की दलीलें लचर और प्री मेच्योर हैं. इन पर भरोसा करना जोखिम भरा और जांच पर असर डालने वाला होगा.
गौरतलब है कि कार्ति पर आरोप है कि उन्होंने तलवंडी साबो पावर लिमिटेड प्रोजेक्ट में काम करने वाले चीनी इंजीनियरों के लिए रिश्वत लेकर वीजा जारी कराया था. इस मामले में सीबीआई ने नया मामला दर्ज किया है. इसी सिलसिले में 17 मई को कार्ति के चेन्नई.मुंबई, तमिलनाडु, पंजाब, दिल्ली, ओडिशा में स्थित करीब नौ ठिकानों पर सीबीआई ने छापा मारा था.
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