छत्तीसगढ़ शराब घोटाले मामले में आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट से राहत, गैर-जमानती वारंट पर रोक

आरोपियों की तरफ से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने दलील दी कि सुप्रीम कोर्ट के 18 जुलाई, 2023 के स्पष्ट आदेश के बावजूद सभी जांचों पर रोक लगाने का निर्देश दिया गया था.

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नई दिल्ली:

छत्तीसगढ़ शराब घोटाले मामले (Chhattisgarh liquor scam case) में सुप्रीम कोर्ट ने दो आरोपियों करिश्मा ढेबर और अनवर ढेबर के खिलाफ ट्रायल कोर्ट द्वारा जारी गैर-जमानती वारंट पर रोक लगा दी है. दोनों की अंतरिम जमानत बहाल की गई है.  सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर भी सवाल उठाया है. जस्टिस एसके कौल की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि दोनों 6 अक्टूबर, 2023 के आदेश के अनुसार हाईकोर्ट द्वारा रद्द की गई अंतरिम जमानत पर बने रहेंगे.  जिसके बाद ट्रायल कोर्ट ने 13 अक्टूबर, 2023 को NBW जारी किए थे. 

सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि हाई कोर्ट को विशेष रूप से 18 जुलाई, 2023 के शीर्ष अदालत के आदेश के मद्देनजर अंतरिम जमानत बढ़ाने का आदेश जारी करना चाहिए था. जिसमें जांच एजेंसियों को "हर तरह से अपने हाथ रोकने" के लिए कहा गया था. साथ ही आरोपियों के खिलाफ कोई भी दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने के लिए कहा गया था.  जस्टिस कौल ने टिप्पणी की कि हमारे विचार में यह (उच्च न्यायालय द्वारा) हमारे आदेश का उल्लंघन है. 

करिश्मा और अनवर की ओर से पेश होते हुए, वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने दलील दी कि सुप्रीम कोर्ट के 18 जुलाई, 2023 के स्पष्ट आदेश के बावजूद सभी जांचों पर रोक लगाने का निर्देश दिया गया था.  जिसमें जांच एजेंसियों को "हर तरह से अपने हाथ रोकने" के लिए कहा गया था. लेकिन हाईकोर्ट द्वारा अंतरिम जमानत रद्द कर दी गई थी  और तुरंत ट्रायल कोर्ट ने NBW जारी किए थे. HC को 6 अक्टूबर, 2023 के अपने आदेश में अंतरिम जमानत आदेश जारी रखना चाहिए था. हाई कोर्ट ने अंतरिम जमानत रद्द कर दी. जिसके बाद ट्रायल कोर्ट ने 13 अक्टूबर, 2023 को गैर जमानती वारंट जारी किया था.

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