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खास बातें
- संसद के बजट सत्र के पहले चरण का आखिरी दिन श्रीलंकाई तमिलों की स्थिति को लेकर हंगामे की भेंट चढ़ गया। राज्यसभा में हंगामे के दौरान एक अप्रत्याशित घटना हो गई जब अन्नाद्रमुक के एक सदस्य ने आसन पर लगे माइक उखाड़ डाले।
नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र के पहले चरण का आखिरी दिन श्रीलंकाई तमिलों की स्थिति को लेकर हंगामे की भेंट चढ़ गया। राज्यसभा में हंगामे के दौरान एक अप्रत्याशित घटना हो गई जब अन्नाद्रमुक के एक सदस्य ने आसन पर लगे माइक उखाड़ डाले।
संसद के बजट सत्र के पहले चरण में वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाला, हिन्दू आतंकवाद, वाड्रा मामला, पाकिस्तानी सेना द्वारा दो भारतीय सैनिकों की बर्बर हत्या और इटली द्वारा उसके दो मरीन भारत नहीं भेजने, श्रीलंकाई तमिल, तेलंगाना, केन्द्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा द्वारा सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के खिलाफ की गई टिप्पणी जैसे मुददों को लेकर जबर्दस्त हंगामा हुआ।
लोकसभा में लगातार तीसरे दिन श्रीलंकाई तमिलों के मुद्दे पर हुए हंगामे और नारेबाजी के कारण कोई विधायी काम नहीं हो सका।
राज्यसभा में भोजनावकाश के बाद गैर-सरकारी कामकाज के दौरान पीठासीन अध्यक्ष रेणुका चौधरी ने निजी विधेयक पेश करने के लिए भाजपा के पुरुषोत्तम खोडाभाई रूपाला का नाम पुकारा। हंगामे के बीच ही रूपाला जब अपना विधेयक पेश कर रहे थे, तब अन्नाद्रमुक के वी मैत्रेयन पहले तो रूपाला के आगे पहुंच कर पोस्टर लहराने लगे और फिर उनके हाथ से कागज खींच लिया।
इसके बाद मैत्रेयन आसन की ओर आए और आसन की मेज से कुछ कागज खींच लिये। सुरक्षाकर्मियों ने आसन को घेर लिया लेकिन इसी बीच मैत्रेयन ने माइक उखाड़ दिए।
हंगामा थमते नहीं देख रेणुका चौधरी ने बैठक दिनभर के लिए स्थगित कर दी। आसन से उठते हुए रेणुका ने कोई टिप्पणी की जिस पर द्रमुक सदस्यों ने भारी आपत्ति और रोष जताया।